Delhi News: दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर उसी ट्रांसजेंडर को गिरफ्तार किया है, जिसे करीब 45 दिन पहले अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में बांग्लादेश डिपोर्ट किया गया था। सुहान खान नामक ट्रांसजेंडर न केवल दिल्ली लौट आया, बल्कि उसी इलाके में वापस पहुंच गया, जहां से उसे पहले पकड़ा गया था। पुलिस ने इस बार सुहान के साथ 6 अन्य लोगों को भी अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में हिरासत में लिया है।
45 दिन बाद वापसी- Delhi News
पुलिस के मुताबिक, सुहान खान (30) शालीमार बाग इलाके में भीख मांग रहा था, जब 30 जून को पुलिस ने इस इलाके में छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। यह वही इलाका है, जहां उसे पहले गिरफ्तार किया गया था। उल्लेखनीय है कि सुहान को मई में उन 300 बांग्लादेशी नागरिकों में शामिल किया गया था, जिन्हें भारत से डिपोर्ट किया गया था। उसे हिंडन एयरबेस से फ्लाइट के जरिए त्रिपुरा के अगरतला ले जाया गया था और वहां से बांग्लादेश के बॉर्डर पर डिपोर्ट किया गया था।
पहले नाटक किया, फिर भारत में वापस घुसा
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डिपोर्ट किए जाने के बाद सुहान ने मानसिक रूप से अस्वस्थ होने का नाटक किया और कुछ दिनों तक त्रिपुरा की सीमा पर घूमता रहा। इसके बाद उसने अंधेरे का फायदा उठाया और फिर से भारत में घुसने में सफल हो गया। वह पहले अगरतला से दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन तक पहुंचा और फिर सीधे शालीमार बाग लौट आया, जहां वह पहले भी रहा था और भीख मांगता था।
अवैध गतिविधियों का खुलासा
दिल्ली पुलिस ने जांच के दौरान तीन स्मार्टफोन जब्त किए, जिनमें एक प्रतिबंधित मैसेजिंग ऐप पाया गया। यह ऐप बांग्लादेश में अपने परिवारवालों से संपर्क करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुहान समेत पांच अन्य ट्रांसजेंडर शालीमार बाग इलाके में भीख मांगते हुए पाए गए। पूछताछ के दौरान उन्होंने खुद को भारतीय नागरिक बताया, लेकिन दस्तावेजों की जांच और वेरिफिकेशन के बाद यह दावा झूठा साबित हुआ।
इसके अलावा, इलाके से एक पुरुष और एक महिला को भी अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में पकड़ा गया। ये दोनों भी बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे थे।
सुरक्षा के लिए विशेष निगरानी
उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त (DCP) भीष्म सिंह ने बताया कि दिल्ली समेत कई मेट्रो शहरों में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों पर विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके। वर्तमान में सभी सातों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए FRRO और अन्य संबंधित एजेंसियों को सूचना दी जा चुकी है।
दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई अवैध प्रवास और सुरक्षा उल्लंघन की गंभीरता को उजागर करती है। ऐसे मामलों में भारत की सुरक्षा और कानूनी प्रक्रिया की ताकत को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि भारत में अवैध आव्रजन और उसके परिणामों को लेकर सख्ती से निपटने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी तरह की सुरक्षा से समझौता न किया जा सके।