Delhi pollution protest: दिल्ली में जहरीली होती हवा से परेशान होकर रविवार को कुछ युवा इंडिया गेट पर विरोध जताने पहुंचे थे। उनकी मांग थी कि सरकार प्रदूषण पर कड़े कदम उठाए। शुरुआत शांत और सामान्य थी, लेकिन कुछ ही समय बाद प्रदर्शन अचानक आक्रामक होता दिखा। भीड़ ने बैरिकेड पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई। हैरानी की बात यह रही कि प्रदूषण का मुद्दा पीछे छूट गया और कुछ प्रदर्शनकारियों ने नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगा दिए। कई युवाओं के हाथों में हिडमा के पोस्टर भी देखे गए, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
पुलिस पर मिर्च स्प्रे, कई जवान घायल (Delhi pollution protest)
नई दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार महला के अनुसार, प्रदर्शनकारियों का एक समूह सी-हेक्सागन क्षेत्र में घुस गया और बैरिकेड्स को पार कर सड़क जाम करने लगा। पुलिस उन्हें समझा रही थी कि पीछे कई एंबुलेंस फंसी हैं जिन्हें तुरंत निकलना है, लेकिन भीड़ शांत होने के बजाय अधिक आक्रोशित होती चली गई। पुलिस ने जब उन्हें पीछे हटने को कहा, तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने अचानक मिर्च स्प्रे से जवानों पर हमला कर दिया। इससे तीन से चार पुलिसकर्मियों की आंखों में तेज जलन हुई और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ा। इस हमले ने पूरे प्रदर्शन को एक बड़े सुरक्षा खतरे में बदल दिया।
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई, दो थानों में एफआईआर
घटना के बाद सोमवार को पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू करते हुए अब तक 22 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के कर्तव्यपथ थाने में छह प्रदर्शनकारियों पर BNS की धारा 74, 79, 105(2), 132, 221, 223, 6(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जबकि संसद मार्ग थाने में दर्ज दूसरी FIR में अन्य प्रदर्शनकारियों पर BNS की धारा 223A, 132, 221, 121A, 126(2), 3(5) लगाई गई है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या मिर्च स्प्रे और नक्सली नारेबाज़ी के पीछे कोई संगठित समूह या योजना थी।
हिडमा के समर्थन में नारे
पूरा विवाद तब और गहरा गया जब प्रदर्शन का वीडियो सामने आया, जिसमें कुछ लोग नक्सली नेता हिडमा के नाम पर नारे लगा रहे थे। राजधानी के सबसे सुरक्षित और प्रतिष्ठित स्थानों में से एक इंडिया गेट पर ऐसी नारेबाज़ी सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का कारण बन गई है। माना जा रहा है कि विरोध में शामिल कुछ लोग खास राजनीतिक या चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित थे। पुलिस अब इनके कनेक्शन की जांच कर रही है और यह भी देख रही है कि कहीं इस प्रदर्शन को जानबूझकर प्रदूषण की आड़ में दिशा तो नहीं दी गई।
कपिल मिश्रा का हमला “यह प्रदूषण का प्रदर्शन नहीं, लाल सलाम की रैली थी”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी हैं। दिल्ली सरकार में मंत्री और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया पर कहा कि प्रदूषण के नाम पर हुए प्रदर्शन में “लाल सलाम” का प्रचार किया जा रहा था। मिश्रा ने कहा कि किसी को भी प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाने से रोका नहीं जाता, लेकिन अगर इस मुद्दे की आड़ में चरमपंथी विचारधारा को बढ़ावा दिया जाएगा, तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने हमेशा ऐसी सोच को जवाब दिया है।
दिल्ली की हवा अभी भी जहरीली, लेकिन बहस भटक गई
दिल्ली की हवा लगातार ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। लोग मास्क पहनने को मजबूर हैं और डॉक्टरों ने बुजुर्गों व बच्चों को बाहर न निकलने की सलाह दी है। ऐसे माहौल में प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन का मकसद जागरूकता बढ़ाना था, लेकिन इंडिया गेट की यह घटना असल मुद्दे को पीछे छोड़ गई। अब बहस प्रदूषण से ज्यादा सुरक्षा, राजनीति और चरमपंथ पर केंद्रित हो गई है।
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