Home देश #BharatBandh: 10 सालों तक चलेगा Kisan Andolan? राकेश टिकैत ने सरकार को अब दे डाली ये चेतावनी!

#BharatBandh: 10 सालों तक चलेगा Kisan Andolan? राकेश टिकैत ने सरकार को अब दे डाली ये चेतावनी!

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#BharatBandh: 10 सालों तक चलेगा Kisan Andolan? राकेश टिकैत ने सरकार को अब दे डाली ये चेतावनी!

नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही। 10 महीनों से किसानों इन कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस मतभेद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों में अभी तक तो कोई सहमति बनती नजर नहीं आ रही। 

किसानों का भारत बंद आज

इस बीच किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करते हुए एक बार फिर से भारत बंद बुलाया है। आज यानी सोमवार को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया। ये बंद सुबह 6 बजे से शुरू हुआ और शाम 4 बजे तक चलने वाला है। इस दौरान किसानों ने गाजीपुर के NH-9, NH-24 बॉर्डर और शंभू बॉर्डर को जाम कर दिया। 

इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत ने ये आंदोलन ने एक बड़ा बयान देते हुए आंदोलन 10 सालों तक चलाने की बात कही। वहीं इस भारत बंद से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर से किसानों के सामने बातचीत की पेशकश की। उन्होंने कहा कि  किसान आंदोलन का रास्‍ता छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाएं। 

टिकैत ने कृषि मंत्री को बताया रट्टू

उनके इसी बयान पर रिएक्शन देते हुए राकेश टिकैत ने कृषि मंत्री को रट्टू बताया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उनको जो सिखाया, वो वही बोल रहे हैं। वो संशोधन की बात कर रहे,लेकिन कानून वापसी की नहीं। टिकैत ने बताया कि भारत बंद के जरिए वो सरकार को संदेश देना चाह रहे हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए ये भी कहा कि अगर सरकार चाहेगी तो ये आंदोलन अगले 10 साल तक जारी रखने को तैयार हैं। 

टिकैत आगे बोले कि आप किसी के विचारों को विचार से ही बदल सकते हैं। बंदूक के जोर पर विचारों को नहीं बदला जा सकता।

वहीं जब उनसे ये पूछा कि भारत बंद ने उनको क्या हासिल होगा? तो इस पर किसान नेता बोले कि क्या पहली बार देश में ऐसा हो रहा है? आज जो लोग सरकार में है, जब वो बंद करते थे, तो उनको क्या मिलता था? हमने उन्हीं से सीखा। हो सकता है कि भारत बंद से ही कोई रास्ता निकले। ये आंदोलन का ही एक हिस्सा है। 

10 महीनों से आंदोलन जारी

बता दें कि पिछले साल नवंबर से किसानों का आंदोलन चल रहा है। शुरू में तो बातचीत के जरिए पूरे मसले को सुलझाने की कोशिश की गई, लेकिन फिर 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हिंसा भड़क गई। इसके बाद से ही किसानों और सरकार के बीच बातचीत का दौर थम गया। जिसके बाद से ही मामले का कोई समाधान नहीं निकला। कोई भी पक्ष इस दौरान झुकने को तैयार नहीं। ना तो सरकार कानून वापस लेने को तैयार और ना ही किसान घर वापसी के लिए। 

इस बीच किसानों की लगातार यही कोशिश है कि वो अपना आंदोलन तेज कर सरकार पर दबाव बनाए। इसके लिए बीच बीच में महापंचायतें भी की जा रही है। अब आज भारत बंद बुलाया गया है। लेकिन क्या इस भारत बंद का कोई असर पड़ेगा भी? खैर, ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा। 

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