Fingerprint cloning racket Gorakhpur: गोरखपुर में खुलेआम फिंगर प्रिंट क्लोन बनाए जा रहे हैं, जो न केवल सुरक्षा से समझौता करते हैं, बल्कि धोखाधड़ी और अपराधों की एक नई दिशा को जन्म दे रहे हैं। यह फिंगर प्रिंट क्लोन कई अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहे हैं, जैसे कि फर्जी बैंक ट्रांजैक्शन, सरकारी दस्तावेज बनवाना, राशन घोटाले और जमीनों की रजिस्ट्री में। इस तरह की गतिविधियों की कई शिकायतें सामने आई हैं, जिससे यह मुद्दा गंभीर बन गया है।
फिंगर प्रिंट क्लोन की बनावट और उपयोग- Fingerprint cloning racket Gorakhpur
दैनिक भास्कर ऐप की टीम ने इन फिंगर प्रिंट क्लोन के मामले का खुलासा करने के लिए छानबीन शुरू की। टीम ने इस नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश की, जो इन क्लोन को तैयार कर रहा था और यह जानने की कोशिश की कि इसका इस्तेमाल कहां-कहां हो रहा है। इस दौरान एक एजेंट से संपर्क किया गया, जिसने इस काम को अंजाम देने की जानकारी दी।
*यूपी में नकली फिंगर प्रिंट बनवाओ, घर बैठे हाजिरी लगाओ:* जालसाजों का दावा- कहीं भी इस्तेमाल करो, कोई मशीन पकड़ नहीं पाएगी https://t.co/92KJHxr8ba pic.twitter.com/ZHA7Sy2UN0
— Rajesh Sahu (@askrajeshsahu) May 4, 2025
एजेंट से मिलने के बाद रिपोर्टर ने उसे बताया कि ऑफिस में अटेंडेंस का मुद्दा है और समय पर न पहुंचने पर सैलरी कट जाती है। एजेंट ने गोलघर चौक के पास एक दुकान पर भेजा, जो SSP आवास से केवल 1 किलोमीटर और CO कैंट के ऑफिस से 500 मीटर दूर थी।
फिंगर प्रिंट क्लोन बनाने की प्रक्रिया
रिपोर्टर ने दुकानदार से मुलाकात की और उसे फिंगर प्रिंट क्लोन बनाने की बात कही। शुरू में दुकानदार ने इनकार किया, लेकिन बाद में रिपोर्टर ने इसे निजी काम बताते हुए बात की तो दुकानदार ने 1000 से 1500 रुपए में क्लोन बनाने का प्रस्ताव दिया। बाद में, कीमत में थोड़ी मिन्नत करने पर 900 रुपए में डील पक्की हुई। दुकानदार ने कहा कि तीन क्लोन तैयार कर दिए जाएंगे।
दूसरे दिन शाम 5:30 बजे रिपोर्टर को तीन क्लोन फिंगर प्रिंट मिल गए, जिनका निर्माण सिलिकॉन रबर से किया गया था। दुकानदार ने रिपोर्टर को यह चेतावनी भी दी कि नए लोग इस दुकान पर न भेजें क्योंकि यह कार्य गुप्त रखा जाना चाहिए।
क्लोन फिंगर प्रिंट का प्रभाव
रिपोर्टर ने इन फिंगर प्रिंट क्लोन का परीक्षण जनसेवा केंद्र (CSC) में किया, जहां आधार कार्ड में नाम में बदलाव के लिए बायोमेट्रिक स्कैनिंग हो रही थी। आश्चर्यजनक रूप से, रबर स्टैंप से बने क्लोन फिंगर प्रिंट को स्वीकार कर लिया गया और इसका उपयोग किया गया। इस घटना ने फिंगर प्रिंट क्लोन की सुरक्षा और इसके दुरुपयोग की चिंता को और भी बढ़ा दिया।
धोखाधड़ी के मामले
गोरखपुर में हुए कई फिंगर प्रिंट क्लोन से जुड़े धोखाधड़ी के मामले भी सामने आए हैं। 2025 में संभल में एक गिरोह ने आधार अपडेट पोर्टल खोलने के लिए असली ऑपरेटरों के फिंगर प्रिंट का क्लोन तैयार किया और बड़े पैमाने पर आधार कार्ड के विवरण में बदलाव किए।
इसके अलावा, 2023 में हापुड़ में पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने फिंगर प्रिंट क्लोन का इस्तेमाल कर 200 लोगों के बैंक खातों से लाखों रुपए ट्रांसफर किए थे। ऐसे ही कई मामले गोरखपुर और अन्य शहरों में सामने आ चुके हैं, जिसमें बैंक खातों से धोखाधड़ी की गई थी।
पुलिस का बयान
गोरखपुर पुलिस ने इस मामले को गंभीर बताया है। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा कि फिंगर प्रिंट क्लोन के जरिए होने वाले फ्रॉड के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। उन्होंने इस पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाने का आश्वासन दिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।
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