First Drone War: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में एक नया और खतरनाक मोड़ देखने को मिला, जो न केवल कूटनीतिक रिश्तों को चुनौती दे रहा है, बल्कि भविष्य के युद्धों की रणनीति को भी प्रभावित कर सकता है। भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु संपन्न देश हैं, और इन दोनों देशों के बीच तनाव के बावजूद, एक नई युद्ध तकनीक – ड्रोन हमलों – ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह घटना अब तक के युद्ध इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि यह दक्षिण एशिया में पहली बार देखा गया जब इन दोनों देशों ने ड्रोन का उपयोग एक-दूसरे के खिलाफ किया।
भारत का पहला ड्रोन हमला और पाकिस्तान का जवाब- First Drone War
8 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान के लाहौर में स्थित एक एयर डिफेंस सिस्टम पर ड्रोन से हमला किया। इस हमले ने पाकिस्तान के डिफेंस सिस्टम को भारी नुकसान पहुंचाया। भारत के इस कड़े जवाब के बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय इलाकों पर ड्रोन से हमला किया, हालांकि, भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने इन हमलों को नाकाम कर दिया। यह घटना यह सिद्ध करती है कि ड्रोन अब आधुनिक युद्ध का अहम हिस्सा बन चुके हैं, और दोनों देशों के लिए ये हमले नई रणनीतियों को जन्म दे सकते हैं।
ड्रोन युद्ध का इतिहास: मानव रहित हवाई हमलों की शुरुआत
ड्रोन युद्ध की शुरुआत आज की आधुनिक तकनीक से बहुत पहले हो चुकी थी। पहला उदाहरण 1849 में देखने को मिला, जब ऑस्ट्रिया ने वेनिस पर बैलून बम गिराए थे, जिन्हें मानव रहित हवाई हमला माना जाता है। इसके बाद 20वीं सदी में इस तकनीक को और विकसित किया गया। 1935 में ब्रिटेन ने ‘क्वीन बी’ नामक रेडियो कंट्रोल से चलने वाला पहला ड्रोन बनाया। इसके बाद, कोल्ड वॉर के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया गया। अमेरिका ने छोटे रिमोट कंट्रोल ड्रोन का उपयोग दुश्मन के इलाकों में निगरानी रखने के लिए किया। वियतनाम युद्ध में भी इनका इस्तेमाल किया गया, जो ड्रोन युद्ध के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम था।
ड्रोन युद्ध में अमेरिका का प्रमुख योगदान
2000 के आसपास, अमेरिका ने प्रीडेटर ड्रोन को युद्ध में उतारा, जो हेलफायर मिसाइल से लैस था और सटीक हमला करने में सक्षम था। अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियानों में ड्रोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया। ड्रोन युद्ध ने जंग की परिभाषा ही बदल दी है। अब यह संभव हो गया है कि बिना सैनिकों की जान को जोखिम में डाले, दुश्मन के ठिकानों पर सटीक और विनाशकारी हमले किए जा सकें। इसने युद्ध के मैदान को जमीन से आसमान में स्थानांतरित कर दिया है।
भारत-पाक संघर्ष और भविष्य का युद्ध
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए ड्रोन हमलों ने यह साबित कर दिया कि भविष्य का युद्ध अब जमीन पर नहीं, बल्कि आसमान से लड़ा जाएगा। ड्रोन सस्ते, सटीक और प्रभावी हैं, और ये किसी भी युद्ध में अहम भूमिका निभा सकते हैं। भारत-पाक संघर्ष ने यह भी दिखाया कि दोनों देशों के लिए ड्रोन युद्ध एक नई चुनौती बन चुका है, जो भविष्य में बढ़ सकता है।