Formar JDS MP Prajwal Revanna case: 2 अगस्त को कर्नाटक हाईकोर्ट में एक ऐतिहासिक फैसला हुआ। बैंगलुरु के हासन से सांसद रहे प्रज्वल रेवन्ना को कर्नाटक हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 11 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। प्रज्वल रेवन्ना पर एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन तीन महिलाओं ने बलात्कार करने का आरोप लगाया है। कोर्ट के फैसले के वक्त प्रज्वल रेवन्ना फूट फूट कर रो रहा था, वो लगातार दया की भीख मांग रहा था लेकिन कोर्ट ने अपना फैसला कड़े शब्दों में सुना दिया। अब सवाल यह है कि आखिर कौन है प्रज्वल रेवन्ना और क्यों दी गई उसे सजा। इसके लिए आपको आज से करीब 15 महीने पीछे अप्रैल 2024 में जाना होगा।
क्या है प्रज्वल रेवन्ना के गुनाहों की कहानी
गुनाहों के भंडाफोड़ का खेल शुरू हुआ 21 अप्रैल 2024 को, जब कर्नाटक के हासन इलाके में संसद प्रज्वल रेवन्ना के ऑफ़िस के बाहर कुछ लोगों को एक पैन ड्राइव मिली। लोगों को इस ड्राइव के अंदर मौजूद क्या है देखने की इच्छा हुई और इसे खंगाला शुरू किया गया। लेकिन जो इस ड्राइव में मिला उसने सबके पैसे तले से जमीन सरका दी थी। इसमें अलग अलग 250 अश्लील वीडियो थे। जिसमें से कुछ वीडियो हासन में लोगों के भगवान स्वरूप माने जाने वाले सांसद प्रज्वल रेवन्ना के भी थे। वीडियो के आते ही ये वायरल हो गया। सबके लिए ये बेहद ही शॉकिंग था, लेकिन 23 अप्रैल की शाम को एक महिला ने हासन पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जो की प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ की गई थी। महिला ने बताया कि वो हासन संसद के यहां घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी, लेकिन काम के दौरान उन्होंने अपनी नौकरानी का एक नहीं बल्कि दो दो बार बलात्कार किया था।
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इन वायरल वीडियो में नौकरानी का भी वीडियो मौजूद था। नौकरानी ने खुलासा किया कि प्रज्वल रेवन्ना को अश्लील वीडियो बनाने का शौक है। सबूत के तौर महिला ने वीडियो और वो साड़ी दिखाई जो उसने रेप के वक्त पहनी थी। उस साड़ी पर प्रज्वल के सीमन मौजूद थे। फिर क्या था, पुलिस के भी कान खड़े हो गए। लेकिन अपने पॉलिटिकल पावर के कारण गिरफ्तारी वारंट से पहले ही 27 अप्रैल को प्रज्वल बंगलूरू से जर्मनी भाग गया। लेकिन अब प्रज्वल के गुनाहों का कच्चा चिट्ठा खुलने लगा था। सीएम सिद्धारमैया ने एक एसआईटी टीम का गठन करके इस मामले की जांच करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद प्रज्वल और उसके पिता दोनों को आरोपी बनाया गया था। 29 अप्रैल को पीड़िता ने अपना बयान धारा 164 के तहत कोर्ट के सामने दिया और 30 अप्रैल को प्रज्वल को 24 घंटे के अंदर कोर्ट में पेश होने के आदेश दिया गया।
कई बड़े खुलासे हुए
लेकिन अभी तो और खुलासे होने बाकी थे। 1 मई को फिर से एक कैसे दर्ज किया गया और 7 मई को जेडीएस की महिला कार्यकर्ता ने भी प्रज्वल रेवन्ना पर बलात्कार करने के संगीन आरोप में मामला दर्ज कराया। 18 मई को उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ। 24 मई को प्रज्वल का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट खारिज कर दिया। जिसके बाद 27 मई को प्रज्वल ने जर्मनी से वीडियो जारी करके खुद को बेकसूर बताया था। जिसके बाद 31 मई को वो वापिस बैंगलुरु लौटा और पहले से तैयार एसआईटी की टीम ने उसे धर दबोचा। जब उसके गुनाहों का पर्दाफाश हो रहा था तो एक 60 साल की महिला भी जून महीने में सामने आई जिसने उसपर बलात्कार का आरोप लगाया।
मुकदमा शुरू होने में लगे 6 महीने
एसआईटी ने इस मामले में 2000 पन्नो की चार्जशीट तैयार की थी। उनके पास 123 सबूत है और 23 गवाहों की गंवाही भी दर्ज की गई, जिसे कोर्ट में दायर किया गया और 31 दिसंबर 2024 को कोर्ट में इस मामले लेकर को सुनवाई शुरू हुई। इस बीच प्रज्वल ने जमानत के लिए भी याचिका दायर की थी, लेकिन कर्नाटक हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद करीब 7 महीने तक मामले की सुनवाई चली और 1 अगस्त को सुनवाई पूरी हुई और 2 अगस्त को प्रज्वल को कर्नाटक हाईकोर्ट के विशेष न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने 2 मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। उसे 8 मामलों में सजा और जुर्माना लगाया गया है।
आपको बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के पोते है, और हासन से सांसद थे। कोर्ट का फैसला बताता है कि भले ही राजनीति पावर देती हो, लेकिन आज भी कानून की ताकत राजनीतिक पावर से ज्यादा है। न्याय भले ही देर से मिले लेकिन मिलता जरूर है।।