General Upendra Dwivedi: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को पाकिस्तान को बेहद तीखे और साफ शब्दों में चेतावनी दी। नई दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (NDIM) के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब अच्छी तरह समझ चुका है कि वह भारत को सीधे युद्ध के मैदान में मात नहीं दे सकता। इसी वजह से वह प्रॉक्सी वॉर के जरिए भारत को अस्थिर करने की कोशिशों में जुटा है। हाल ही में दिल्ली में हुआ धमाका भी इसी मंशा का हिस्सा था, लेकिन आज का भारत हर कोशिश को विफल करने में सक्षम है।
“पाकिस्तान जानता है, सीधी लड़ाई में भारत को नहीं हरा सकता”
अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान की रणनीति पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का इरादा भारत को सीधे टकराव में झोंकने का नहीं, बल्कि छिपकर प्रॉक्सी वॉर करने का है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में हुआ धमाका भी इसी ‘फेक वॉर’ की कोशिश का हिस्सा था, जिसके जरिए पाकिस्तान अपनी उपस्थिति दिखाना चाहता था।
जनरल द्विवेदी ने कहा, “भारत पाकिस्तान की हर चाल समझ चुका है। उनकी योजना देश के कई बड़े शहरों में धमाके करने की थी, और इसमें मुंबई भी शामिल था। लेकिन भारत ने समय रहते ऑपरेशन चलाकर उनकी कोशिशों को नाकाम कर दिया। आज का भारत चौकन्ना है और किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सटीकता और तालमेल की मिसाल (General Upendra Dwivedi)
अपने संबोधन में उन्होंने चर्चा का केंद्र ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भी बनाया, जिसे हाल के वर्षों का सबसे सटीक और सफल सैन्य अभियान माना जा रहा है। जनरल द्विवेदी ने बताया कि यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था। यह वर्षों की सोच, रणनीति, इंटेलिजेंस और तकनीक को एक साथ जोड़कर बनाई गई योजना का नतीजा था।
उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सशस्त्र बलों की अद्भुत टीमवर्क का नतीजा था। जैसे एक ऑर्केस्ट्रा में हर इंस्ट्रूमेंट अपनी धुन से संगीत को परफेक्ट बनाता है, ठीक वैसे ही तीनों सेनाओं ने तालमेल से काम किया, जिसके चलते सिर्फ 22 मिनट में नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।”
88 घंटे तक चला तनाव, पाकिस्तान का पलटवार भी हुआ विफल
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई की सुबह हुई, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद कई आतंकी ढांचों को टारगेट किया। इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत पर जवाबी हमले किए, लेकिन भारतीय सेना ने हर बार मजबूत प्रतिक्रिया दी और सभी जवाबी कार्रवाइयां इसी ऑपरेशन का हिस्सा रहीं।
करीब 88 घंटे तक दोनों ओर तनावपूर्ण हालात बने रहे। दो परमाणु-संपन्न देशों के बीच यह संघर्ष 10 मई की शाम उस समय थमा, जब दोनों देशों के बीच समझौता हो गया।
और पढ़ें: Cheque Bounce Rule 2025: आरबीआई ने सख्त किए नियम, अब चेक बाउंस पर होगी कड़ी कार्रवाई
