Gold Medalist Saloni Success Story: सफलता केवल शहरों की चकाचौंध और महंगी सुविधाओं तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह गांव की मिट्टी से भी निकल सकती है, जैसे कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की बेटी सलोनी ने कर दिखाया। सलोनी ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के बल पर यह साबित कर दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
सलोनी की शानदार सफलता- Gold Medalist Saloni Success Story
समस्तीपुर जिले के डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की छात्रा सलोनी ने कम्युनिटी साइंस विषय से पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) की डिग्री प्राप्त की और 87.7% अंक हासिल करके पूरे बैच में टॉप किया। उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए विश्वविद्यालय ने उन्हें गोल्ड मेडल से नवाजा। यह पुरस्कार उन्हें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पीएस पांडे की उपस्थिति में दिया गया। सलोनी का यह गोल्ड मेडल सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक नहीं, बल्कि गांव की उन बेटियों का सम्मान था, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखती हैं और उन्हें साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं।
गांव में पाई थी प्रारंभिक शिक्षा
सलोनी की सफलता की यात्रा आसान नहीं थी। उनका बचपन एक छोटे से गांव में बीता, जहां शिक्षा की सुविधाएं सीमित थीं। फिर भी, सलोनी ने अपनी पढ़ाई की दिशा हमेशा बड़े सपनों की ओर तय की। 2021-22 में, सलोनी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने कम्युनिटी साइंस विषय में गहरी रुचि दिखाई। उनके कठिन परिश्रम और मेहनत का फल यह रहा कि सलोनी न केवल अपनी क्लास में टॉप की, बल्कि अपने गांव और जिले का नाम भी रोशन किया।
सलोनी का सफलता का राज
सलोनी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों और दोस्तों को दिया। लोकल 18 से बात करते हुए उन्होंने कहा, “गोल्ड मेडल मेरी अकेली जीत नहीं है, यह मेरे मम्मी-पापा, मेरे भाई और मेरे शिक्षकों का आशीर्वाद और विश्वास है। मैं उन सभी का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मेरे सफर को आसान बनाया।” उनका मानना है कि जब तक इंसान मेहनत करता है और सही दिशा में आगे बढ़ता है, तब तक कोई भी चुनौती उसे रोक नहीं सकती।
भविष्य में वैज्ञानिक बनने का सपना
सलोनी का अगला लक्ष्य एक वैज्ञानिक बनने का है। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उन्हें शोध और फील्ड वर्क में विशेष रुचि हुई, और अब वे देश के कृषि और ग्रामीण विकास में योगदान देना चाहती हैं। सलोनी ने कहा, “इस विश्वविद्यालय ने जो शिक्षण वातावरण, संसाधन और प्रेरणा मुझे दी, उसने मेरे भीतर वैज्ञानिक सोच को विकसित किया। अब मैं चाहती हूं कि अपने ज्ञान से मैं समाज की भलाई में योगदान दूं।”
गांव के छात्रों के लिए प्रेरणा
सलोनी का मानना है कि अगर किसी गांव की बेटी ठान ले, तो वह किसी से कम नहीं है। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा, “सपने जरूर देखो, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए लगन, मेहनत और धैर्य की जरूरत होती है। मुश्किलें जरूर आएंगी, लेकिन उन्हीं में आपकी असली ताकत छिपी होती है।” सलोनी की सफलता न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि वह उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, जो सीमित संसाधनों के बावजूद असीम संभावनाओं की तलाश करते हैं।