Haseen Mastan Mirza: मुंबई के पहले डॉन कहे जाने वाले हाजी मस्तान मिर्ज़ा की बेटी हसीन मस्तान मिर्ज़ा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से सीधे हस्तक्षेप की अपील की है। हसीन ने दावा किया कि वह कई वर्षों से अपनी पहचान और अधिकारों के लिए लड़ रही हैं, लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है।
वीडियो में छलका दर्द “हम महिलाएं कब तक लड़ें?” (Haseen Mastan Mirza)
अपने वीडियो संदेश में हसीन ने कहा कि उनकी लड़ाई को न मीडिया गंभीरता से ले रहा है और न ही संबंधित संस्थाएं। उन्होंने कहा,“कई सालों से अपने केस के लिए लड़ रही हूं, लेकिन मीडिया सपोर्ट नहीं देता। मेरी आवाज पीएम मोदी और अमित शाह तक पहुंचनी चाहिए। हमारे देश का कानून सख्त होना चाहिए… ताकि न रेप होंगे, न हत्या, न प्रॉपर्टी कोई हड़पेगा।”
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हसीन ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पहचान छुपाई गई, उनकी प्रॉपर्टी हड़पी गई, उनके साथ रेप किया गया और यहां तक कि हत्या की कोशिश भी हुई।
कौन हैं हसीन मस्तान मिर्ज़ा?
हसीन मस्तान खुद को मुंबई के पहले डॉन हाजी मस्तान और उनकी पत्नी सोना की बेटी बताती हैं। उनका जन्म करीब 1984 के आसपास माना जाता है। एक्टिंग की दुनिया में उन्होंने अपनी पहचान बनाने की कोशिश की और हिंदी, तमिल व तेलुगु फिल्मों में काम किया। देव डीडी, दाल में कुछ काला है और प्रसनिष्ठा जैसी फिल्मों में वे नजर आ चुकी हैं। लेकिन उनकी निजी जिंदगी फिल्मी पर्दे से कहीं ज्यादा उलझनों और संघर्षों से भरी रही है।
लंबा और दर्दनाक कानूनी संघर्ष
thousif की रिपोर्ट के मुताबिक, हसीन का कानूनी संघर्ष 2016 में दर्ज कराई गई एफआईआर से शुरू होता है। इसमें उन्होंने दावा किया कि उनकी शादी केवल 12 साल की उम्र में जबरन करा दी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी मां ने उनकी असली पहचान छुपाई, उन्हें विरासत में मिलने वाली संपत्ति से जुड़े दस्तावेज चोरी कर लिए और उनके साथ शोषण व हिंसा की गई, जिसके चलते उनका मिसकैरेज भी हो गया। हसीन ने मुंबई के जुहू स्थित एक बंगले पर भी अपना हक बताया, जिसे वे हाजी मस्तान की संपत्ति मानती हैं। हालांकि इतने गंभीर आरोपों और लंबे संघर्ष के बावजूद, 2025 तक इस केस में कोई बड़ा अपडेट सामने नहीं आया है, जिससे उनका दर्द और गहरा हो गया है।
कौन था हाजी मस्तान?
हाजी मस्तान का जीवन भी कम दिलचस्प नहीं था। 1926 में तमिलनाडु के पनैकुलम में जन्मे मस्तान बचपन में गरीबी से जूझते हुए आठ साल की उम्र में पिता के साथ मुंबई आ गए थे। उन्होंने डॉक पर कुली का काम किया, लेकिन जल्द ही समझ लिया कि उस दौर में महंगे आयात शुल्क के चलते तस्करी का रास्ता बेहद लाभकारी है। धीरे-धीरे वे इस दुनिया में छा गए और 1960 के दशक तक भारत के सबसे बड़े स्मगलरों में गिने जाने लगे।
मस्तान को अक्सर दूसरे अपराधियों से अलग नजरिया रखने वाला माना जाता है। उन्होंने कभी खुद हथियार नहीं उठाया। वे रणनीति, बातचीत और प्रभाव से काम करवाने में यकीन रखते थे। करिम लाला और वरदराजन मुदलियार जैसे दिग्गज डॉनों से उनके रिश्ते बेहद मजबूत थे। कई मौकों पर उन्होंने मुंबई में गैंगवार रोकने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई जो उनके अलग व्यक्तित्व की निशानी है।
बॉलीवुड से लगाव
बॉलीवुड से उनका लगाव भी किसी रहस्य से कम नहीं था। पेडर रोड और जुहू जैसे पॉश इलाकों में संपत्तियां होने के बावजूद मस्तान बेहद सादगी से रहते थे। वे फिल्मों को फाइनेंस करते थे और राज कपूर व दिलीप कुमार जैसे बड़े सितारों से उनकी नजदीकी थी। इसकी वजह से उन्हें बॉलीवुड की गलियों में भी एक खास पहचान मिली।
68 साल की उम्र में हुआ निधन
आपातकाल के दौरान 18 महीने जेल में बिताने के बाद मस्तान की सोच में बड़ा बदलाव आया। उन्होंने हज किया, सामाजिक कार्यों से जुड़े और राजनीति में उतरकर दलित-मुस्लिम एकता के लिए कदम उठाए। हालांकि राजनीतिक क्षेत्र में उन्हें खास सफलता नहीं मिली, लेकिन उनकी लोकप्रियता और प्रभाव कम नहीं हुआ। 25 जून 1994 को 68 साल की उम्र में उनका निधन हुआ, लेकिन उनका नाम आज भी मुंबई के इतिहास में एक अलग अध्याय की तरह दर्ज है।









