Himachal Cloud Burst: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हालात इस वक्त बहुत ही गंभीर हैं, जहां 1 जुलाई को भारी बारिश और बादल फटने से बड़े पैमाने पर तबाही मच गई। मंडी के करसोग और धर्मपुर क्षेत्रों में बादल फटने से कम से कम 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लोग अभी भी लापता हैं। इस घटना में 117 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन तबाही का पैमाना इतना बड़ा है कि नुकसान का अनुमान करीब 800 करोड़ रुपये लगाया जा रहा है।
कई स्थानों पर बादल फटने की घटना- Himachal Cloud Burst
मंडी जिले के गोहर, करसोग और धर्मपुर क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं। गोहर उपमंडल के स्यांज इलाके में एक घर फ्लैश फ्लड में बह गया, जिसमें सात लोग लापता हो गए। इनमें से कुछ की पहचान भी हो गई है। करसोग में भी बादल फटने के कारण भारी तबाही मची, जहां कई घर और गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। धर्मपुर में भी बादल फटने के कारण 6 घर और 8 गोशालाएं सैलाब में समा गईं। इसके साथ ही 30 मवेशी भी बह गए हैं।
कई जगहों पर भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति
इस समय मंडी जिले के कई हिस्सों में भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। ब्यास नदी का जलस्तर काफी बढ़ चुका है, और पंडोह डैम से 1.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके कारण ब्यास नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रशासन ने यहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया है। साथ ही, नदियों और नालों का उफान भी बढ़ गया है, जिससे जान-माल का खतरा बना हुआ है।
800 करोड़ रुपये का नुकसान और मुआवजे का ऐलान
मंडी जिले में हुए इस बड़े नुकसान को लेकर अधिकारियों ने अनुमान जताया है कि अब तक करीब 800 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। हिमाचल प्रदेश में जून में 37% अधिक बारिश हुई थी और जुलाई के पहले हफ्ते तक बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। ऐसे में और भी नुकसान हो सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मुहैया कराएगी।
रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की मुस्तैदी
इस घटना के बाद प्रशासन और राहत कार्यों में त्वरित कदम उठाए गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं, जो राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मंडी शहर और उसके आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं, जहां पुलिस और प्रशासन ने घरों और दुकानों से पानी और मलबा बाहर निकालने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री का बयान और आगे की योजना
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि करसोग, धर्मपुर, मंडी सदर, नाचन और सराज क्षेत्रों में हुई घटनाओं के कारण जान-माल का जो नुकसान हुआ है, वह बेहद दुखद है। उन्होंने प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता और गंभीरता से हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जिला प्रशासन के संपर्क में रहकर राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं और सुनिश्चित करेंगे कि प्रभावित लोगों को त्वरित मदद मिले।
भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कांगड़ा और हमीरपुर में स्कूल बंद
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में भारी बारिश के मद्देनजर जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 1 जुलाई को सभी स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है। यह फैसला भूस्खलन और बारिश से पैदा हो रहे खतरों के कारण लिया गया है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।