Covid-19 new JN.1 variant Update : 2020 में कोरोना महामारी का खौफ इस कदर छाया हुआ था कि लोगों के अंदर आज भी अगर कोरोना का नाम लिया जाता है, तो जान का डर बैठ जाता है। तब से अभी तक कई वैरिएंट आ चुके है। इसी कड़ी में अभी हाल ही में भारत में एक बुरी खबर ने फिर से दस्तक दी है। 2020 में फैले जानलेवा कोरोना महामारी(Covid 19) के एक नए वैरिएंट ने फिर से भारत में जड़े ज़मानी शुरु कर दी है। 2 जून को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय(Ministry of Health and Family Welfare) ने कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों के आकड़ों की सूची जारी की है जिसने अनुसार 2 जून तक भारत में 3961 संक्रमण के मामले देखने को मिले है तो वहीं 4 लोगो की मौत भी दर्ज की गई है।
कोरोना का नया जेएन 1 वैरिएंट Covid-19 new JN.1 variant
कोरोना के इस नए वैरिएंट को जेएन 1 वैरिएंट नाम दिया गया है। आखिर कैसे कर रहा है ये लोगो पर अटैक, कैसे होगी इसकी पहचान, क्या है इसके लक्षण और कैसे करे इस वैरियेंट से अपना बचाव, सब कुछ जानेंगे डिटेल से। 2025 की शुरू से ही भारत में जेएन 1 ने दस्तक दी थी। इसका पहला मामला केरल में देखने को मिला था। कोरोना का दो नए वैरिएंट आए है। एनबी .1.8.1 एनएफ.7 और जेएन 1 वैरिएंट, ये वैरिएंट भारत में ही जन्में है। कोरोना के मामले सबसे ज्यादा केरल में जहां 1,435 मामले देखने को मिले है। इसके बाद दूसरे नंबर पर है महाराष्ट्र जहां 506 मामले सामने आए है और तीसरे नंबर पर है राजधानी दिल्ली जहां 483 मामले सामने आ चुके है।
क्या है लक्षण symptoms of coronavirus new variant
कोविड 19 के इस नए वेरिएंट एनबी .1.8.1 एनएफ.7 और जेएन 1 वैरिएंट से पीड़ित लोगों के लक्षणों को पता करने के लिए कुछ लक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके कई लक्षण मुख्य है ।
- सर्दी और सूखी खांसी होना
- तेज बुखार होना या शरीर में ताप रहना
- पूरे शरीर में हर वक्त बहुत दर्द रहना और सर में दर्द होना
- खाने में स्वाद का पता न लगना और किसी तरह की खुशबू और बदबू का न आना
- आवाज का हमेशा बैठे रहना
- डायरिया होना या फिर दस्त होना
अगर इन लक्षणों को पाया जाता है तो तुरंत कोविड 19 की जांच कराना चाहिए। कोरोना का ये नया वेरिएंट आमिक्रोम वेरिएंट का ही हिस्सा है। जो पहली बार भारत में पाया गया था। नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम की इंटेक्सिंग की जा रही है, जिसमें ज्यादातर नमूनो की इंडेक्सिंग में जेएन1 वैरिएंट ही पाया गया है।
कैसे करें जांच औऱ बचाव how to prevent from coronavirus
चुंकि कोरोना वायरस से संक्रमित हो या न हो, इसका पता केवल जांच से ही लगाया जा सकता है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को लक्षणों के होने का अहसास भी होता है तो उसे खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। जेएन1 वैरिएंट शरीर में 10 दिनो तक रह सकता है। इसलिए जरूरी है कि इलाज शुरु करने और जांच की रिपोर्ट आने से पहले से ही व्यक्ति को मास्क लगा कर रखना चाहिए और भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में काम करने वाले डॉक्टर का कहना है कि भले ही जेएन1 वैरिएंट तेजी से फैलता है। लेकिन इसके लक्षणों से ज्यादा नुकसान नहीं हो रहा है। ये केवल आम दिनों में होने वाले साधारण सर्दी-जु़काम जैसा ही है। इससे स्थित गंभीर होने के चासेंस काफी कम है।
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किसके लिए खतरनाक है नया वैरिएंट
कोरोना के नए वैरिएंट 60 साल से ज्यादा के उम्र के लोगो पर, बच्चों पर और गर्भवती महिलाओं और बिमार लोग, जिन्हें डायबीटिज, हार्ट संबंधी, फेफड़ों से संबंधित बीमारी हो, उन लोगो की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है। उन पर वैरिएंट जेएन1 का हमला काफी तेजी से हो सकता है और उन्हें ये नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए उनके बचाव पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि एक बार वाय़रस के उत्पन्न होने के बाद ये बार-बार नए रूपों में आता ही रहेगा। लेकिन जरूरी नहीं की ये हर बार ज्यादा खतरनाक हो। इसलिए पॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद भी घबराने की जरूरत नहीं है। केवल प्रिकॉशन के जरिए कोविड 19 के नए वैरिएंट से लड़ा जा सकता है।