अब काफी नजदीक आ गई कोरोना की तीसरी लहर, इस महीने में पीक पर पहुंचने की संभावना जता रहे एक्सपर्ट!

अब काफी नजदीक आ गई कोरोना की तीसरी लहर, इस महीने में पीक पर पहुंचने की संभावना जता रहे एक्सपर्ट!

कोरोना महामारी ने बीते करीब डेढ़ साल से ज्यादा समय से लोगों का जीना मुश्किल किया हुआ है। चीन से निकलकर इस महामारी ने जब से दूसरे देशों में फैलना शुरू हुआ, दुनिया कोरोना के भयंकर प्रकोप का सामना कर रही है। इस महामारी से थोड़ी राहत मिलनी शुरू होती ही है कि पहले से भी भयंकर नई लहर सामने आ जाती है। 

दुनिया अब तक कोरोना की दो लहर का सामना कर चुकी है। वहीं कई देशों में तीसरी लहर ने भी दस्तक दे दी। इसके अलावा भारत पर भी थर्ड वेव का खतरा मंडरा रहा है। तमाम एक्सपर्ट्स लगातार लोगों को तीसरी लहर को लेकर आगाह कर रहे हैं। 

अगस्त में ही आएगी तीसरी लहर!

विशेषज्ञों के मुताबिक भारत कोरोना की तीसरी लहर के अब काफी नजदीक आ गया है। संभावना जताई गई है कि अगस्त में ही तीसरी लहर देश में दस्तक दे सकती है।अभी देश कोरोना की दूसरी लहर से उभर रहा है। सेकेंड वेव ने देश में भयंकर तबाही मचाई थी। इस दौरान बहुत बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए थे। कई लोगों ने अपनी जान भी इस दौरान गंवाई। दूसरी लहर का कहर भले ही थम गया हो, लेकिन अभी भी रोजाना 40 हजार के आसपास कोरोना केस सामने आ रहे है। जिसमें से आधा से अधिक मामले अकेले केरल से ही आ रहे है। 

अक्टूबर मे पीक पर पहुंच सकती है तीसरी लहर

अब एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगस्त में ही कोरोना की तीसरी लहर के दस्तक देने से दैनिक मामलों की संख्या बढ़कर एक लाख पहुंच सकती है। यानी करीब एक लाख मामले अगस्त में ही सामने आने के आसार है। स्थिति ज्यादा खराब हुई तो मामले डेढ़ लाख तक भी पहुंच सकते है। इसके अलावा अक्टूबर में थर्ड वेव पीक पर पहुंचने की संभावना है। 

दूसरी लहर जितनी नहीं होगी खतरनाक

हैदराबाद और कानपुर IIT में मथुकुमल्ली विद्यासागर और मनिंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में किए गए शोध में ये दावा किया गया है। जिसके मुताबिक तीसरी लहर अक्टूबर में पीक पर पहुंचेगी। ब्लूमबर्ग के अनुसार विद्यासागर ने ईमेल में बताया कि केरल-महाराष्ट्र जैसे राज्यों की वजह से हालात दोबारा गंभीर हो सकती है। हालांकि संभावना ये भी जताई गई है कि कोरोना की थर्ड वेव दूसरी लहर जितनी खतरनाक नहीं होगी। कोरोना को लेकर ये जो अनुमान लगाया गया है वो गणित के मॉडल के आधार पर है।

गौरतलब है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर ने देश को हिलाकर रख दिया था। इस दौरान दैनिक मामले 4 लाख के आंकड़े के भी पार पहुंच गए थे। वहीं ऑक्सीजन का भी संकट देश पर छा गया था। 7 मई के बाद कोरोना की सेकेंड वेव थमना शुरू हुई। इसके बाद आम जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। अब कई राज्यों में स्कूल तक खोले जा रहे हैं। इस बीच थर्ड वेव का खतरा भी लगातार बना हुआ है। देखने वाली बात ये होगी कि तमाम एक्सपर्ट्स ने ये जो अंदेशा तीसरी लहर को लेकर जताया है, वो कितना सही साबित होगा।

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