India and Pakistan War: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुका है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, और भारत ने पाकिस्तान को इस हमले का जिम्मेदार ठहराया है। पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया, लेकिन इस बीच पाकिस्तान की ओर से परमाणु हमले की धमकियां भी सामने आई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध होता है, तो दुनिया के कौन से देश किसका समर्थन करेंगे? इस लेख में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि कौन से देश भारत का साथ देंगे और कौन से पाकिस्तान का।
भारत के साथ कौन-कौन से देश खड़े हो सकते हैं? (India and Pakistan War)
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर अपनी छवि को मजबूत किया है और अब वह दुनिया के प्रमुख ताकतवर देशों में शामिल है। पहलगाम हमले के बाद भी कई देशों ने भारत के साथ खड़े होने का संकेत दिया है। यदि युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है, तो निम्नलिखित देश भारत का समर्थन कर सकते हैं:
अमेरिका
अमेरिका और भारत के बीच पिछले कुछ वर्षों में रक्षा और रणनीतिक साझेदारी मजबूत हुई है। खासकर क्वाड (QUAD) के तहत दोनों देशों के रिश्ते और भी प्रगाढ़ हुए हैं। अमेरिका अब भारत को इंडो-पैसिफिक रणनीति का अहम सहयोगी मानता है। युद्ध की स्थिति में अमेरिका भारत को कूटनीतिक समर्थन, खुफिया जानकारी, और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर सकता है। हालांकि, अमेरिका खुलकर सैन्य हस्तक्षेप से बच सकता है, लेकिन फिर भी कूटनीतिक और अन्य समर्थन मिल सकता है।
रूस
भारत और रूस के बीच रक्षा संबंध दशकों पुराना है। रूस ने हमेशा भारत का समर्थन किया है, खासकर 1971 के युद्ध में। वर्तमान में भी, रूस भारत को अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति करता है, जैसे सुखोई-30 और S-400। युद्ध के दौरान रूस भारत को हथियारों की आपूर्ति और संयुक्त राष्ट्र में समर्थन प्रदान कर सकता है।
फ्रांस
फ्रांस और भारत के बीच मजबूत रक्षा समझौते हैं, जिसमें राफेल लड़ाकू विमान शामिल हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ फोन पर चर्चा की थी। युद्ध में फ्रांस भारत को हथियारों की आपूर्ति और कूटनीतिक समर्थन दे सकता है।
इजरायल
भारत और इजरायल के बीच रक्षा और तकनीकी सहयोग मजबूत है। इजरायल ने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारत को ड्रोन और नाइट विजन डिवाइस मुहैया कराए थे। यदि युद्ध होता है, तो इजरायल भारत को सैन्य तकनीकी सहायता और खुफिया जानकारी दे सकता है।
जापान और ऑस्ट्रेलिया
दोनों देश क्वाड के सदस्य हैं और भारत के साथ मजबूत रणनीतिक रिश्ते रखते हैं। ये देश विशेष रूप से चीन के क्षेत्रीय आक्रामकता को संतुलित करने के लिए भारत का समर्थन करते हैं। युद्ध की स्थिति में ये देश भारत को कूटनीतिक और आर्थिक सहायता प्रदान कर सकते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और सऊदी अरब
UAE और सऊदी अरब ने हाल के वर्षों में भारत के साथ आतंकवाद विरोधी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा दिया है। पाकिस्तान के साथ UAE के रिश्ते हाल के वर्षों में तनावपूर्ण रहे हैं, जिससे भारत के पक्ष में उनका समर्थन अधिक हो सकता है। इन देशों से कूटनीतिक और आर्थिक समर्थन की संभावना है।
अफगानिस्तान
भारत ने अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचे और शिक्षा में भारी निवेश किया है। तालिबान और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर तनाव के कारण अफगानिस्तान भारत के समर्थन में खड़ा हो सकता है। अफगानिस्तान से भारत को क्षेत्रीय खुफिया जानकारी और कूटनीतिक समर्थन मिल सकता है।
पाकिस्तान के साथ कौन से देश खड़े हो सकते हैं?
भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान के पास कुछ देश हैं जो उसे समर्थन देने के लिए तैयार हो सकते हैं:
चीन
चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य और कूटनीतिक सहयोगी है। दोनों देशों के बीच गहरे रिश्ते हैं, और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) इसका प्रमाण है। यदि युद्ध होता है, तो चीन पाकिस्तान को सैन्य उपकरण, मिसाइलें, और खुफिया जानकारी दे सकता है। हालांकि, भारत और चीन के व्यापारिक रिश्तों को देखते हुए, चीन का प्रत्यक्ष रूप से युद्ध में शामिल होना उतना आसान नहीं होगा, फिर भी वह पाकिस्तान को समर्थन दे सकता है।
तुर्की
तुर्की ने हाल के वर्षों में पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया है। तुर्की ने पाकिस्तान को सैन्य सामग्री भेजी है और युद्ध में पाकिस्तान को कूटनीतिक और सैन्य समर्थन देने की संभावना है।
इस्लामिक देशों का संगठन (OIC)
पाकिस्तान OIC का सदस्य है, और कुछ इस्लामिक देश, जैसे मलेशिया और ईरान, कूटनीतिक रूप से पाकिस्तान का समर्थन कर सकते हैं। हालांकि, इन देशों के भारत के साथ भी मजबूत आर्थिक रिश्ते हैं, जिससे खुलकर युद्ध में शामिल होने की संभावना कम है।
तटस्थ देश
उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया और पाकिस्तान के बीच पुराने रिश्ते रहे हैं, लेकिन वर्तमान में ये रिश्ते उतने मजबूत नहीं हैं। उत्तर कोरिया ने युद्ध के दौरान तटस्थ रहने की संभावना जताई है।
बांग्लादेश
बांग्लादेश का रुख भी तटस्थ हो सकता है, क्योंकि उसके भारत के साथ ऐतिहासिक रिश्ते हैं, लेकिन पाकिस्तान के साथ भी उसके कुछ रिश्ते हैं, जिससे वह खुलकर किसी के पक्ष में नहीं आ सकता।