World Bank ke top karjdar – एक तरफ भारत में केंद्र की पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार भारत को ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का दावा किया करती है। वैश्विक स्तर पर भारत को तेजी से विकसित होते देशों में गिना जाता है लेकिन अभी हाल ही में विश्व बैंक ने अपने कर्जदारों की सूची जारी की है। इस सूची में कभी पहले स्थान पर इंडोनेशिया हुआ करता था लेकिन अब भारत ने इंडोनेशिया को पीछे छोड़ते हुए सबसे कर्जदार देशों में पहला स्थान हासिल कर लिया है। इस लिस्ट के सामने आने के बाद केंद्र सरकार को काफी घेरा भी जा रहा है।
जानिए कितना कर्जदार है भारत – World Bank ke top karjdar
वर्ल्ड बैंक ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया कि भारत उनका सबसे कर्जदार देश है। भारत पर करीब 24.4 बिलियन डॉलर का कर्ज हो चुका है, इन्हें अगर आसान भाषा में भारतीय रुपयों के अनुसार समझे तो भारत ने अब तक वर्ल्ड बैंक से करीब 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज लिया हुआ है। वहीं इसके बाद नंबर है इंडोनेशिया का, इंडोनेशिया पर वर्ल्ड बैंक का 21.3 बिलियन डॉलर का कर्ज चढ़ा हुआ है।
इसके बाद यूक्रेन पर 16.6 बिलियन डॉलर, कोलंबिया पर 16.4 बिलियन डॉलर, ब्राज़ील पर 15.5 बिलियन डॉलर और फिलीपींस पर 14.7 बिलियन डॉलर, चीन पर 14.4 बिलियन डॉलर, मैक्सिको पर 13.8 बिलियन डॉलर, तुर्की पर 12.7 बिलियन डॉलर और अर्जेंटीना पर 12.1 बिलियन डॉलर का कर्ज चढ़ा हुआ है। ये 10 देश वर्ल्ड बैंक से कर्ज लेने में टॉप 10 में है।
क्यों लिया गया इतना कर्ज ? World bank debtors list
अब सवाल ये है कि आखिर भारत को इतना कर्ज क्यों लेना पड़ा तो आपको बता दें कि भारत तेजी से विकसित होता हुआ देश है। ऐसे में टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग जैसी कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को पैसे की जरूरत होती है। जिसके लिए ही वर्ल्ड बैंक कर्ज देता है।
जिससे देश के आर्थिक विकास के साथ साथ उसके इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और उसका विस्तार करने का काम किया जाता है। ताकि रोजगार के नए और ज्यादा अवसर उत्पन्न हो, और गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास जैसे मुद्दों पर कार्य कर सकें। भारत एक विशाल देश है और आबादी के मामले में भी भारत पहले स्थान पर है। ऐसे में 140 करोड़ जनता की देखभाल करना इतना आसान नहीं है।
दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था Indian Economy in the world
मौजूदा समय में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। जो बताता है कि भारत एक तेजी से विकास करने वाला देश है। हालांकि सरकार के सामने कई बड़ी चुनौती भी है। बढ़ता हुआ कर्ज आर्थिक तौर पर मजबूती देने के बजाये कमजोर कर सकता है। खासकर जरूरी है कि कर्ज के पैसों का इस्तेमाल ऐसी जगह पर हो, जहां से सरकार को लाभ हो। ताकि सरकार उससे कुछ अर्निंग कर सकें।
अब तक हुए घाटे को खत्म करने के बजाये नए और उत्पादक योजनाओं पर काम होना चाहिए। तभी कर्ज से मुक्ति संभंव है। जरूरी है कि सरकार को निर्यात, घरेलू निवेशों और टैक्स वसूली के लिए सही और कड़े नियमों को बनाना चाहिए, ताकि जो टैक्स चुरा लिया जाता है उसका भुगतान हो सकें। तभी देश को कर्ज पर निर्भर होने की जरूरत कम पड़ेगी।
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