Who Is India DGMO: 7 मई को भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और POK में स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तीन दिन तक भारी तनाव का माहौल बना रहा। इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे पर ड्रोन, मिसाइल और तोपखाने के ज़रिए निशाना साधने की कोशिश की। हालांकि अब हालात कुछ हद तक शांत होते दिख रहे हैं, क्योंकि दोनों देशों ने आधिकारिक रूप से सीजफायर पर सहमति जता दी है।
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जल, थल और नभ में सैन्य कार्रवाई पर विराम- Who Is India DGMO
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी दी कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के बाद जल, थल और वायु मार्गों में सभी प्रकार की सैन्य गतिविधियां रोकने पर सहमति बनी है। यह फैसला दोनों देशों के महानिदेशक सैन्य संचालन (DGMO) के बीच हुई सीधी बातचीत के बाद लिया गया। पाकिस्तान की ओर से पहल करते हुए भारत को सीजफायर का प्रस्ताव फोन कॉल के माध्यम से दिया गया, जिस पर भारत ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
कौन हैं भारत के DGMO?
इस पूरे घटनाक्रम में भारत के DGMO की भूमिका बेहद अहम रही। फिलहाल इस पद पर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई तैनात हैं। उन्होंने अक्टूबर 2024 में यह पदभार संभाला था। उन्हें सैन्य संचालन का गहरा अनुभव है और वे पहले भी कई अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। DGMO का पद भारतीय सेना में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पद पर बैठे अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि देश की सुरक्षा से जुड़ी हर बड़ी सैन्य रणनीति को दिशा दे, जरूरत पड़ने पर निर्देश जारी करे और तीनों सेनाओं के बीच तालमेल स्थापित करे।
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने न केवल भारत की रणनीति को धार दी, बल्कि पाकिस्तान से बातचीत के दौरान भी बेहद संतुलित रुख अपनाते हुए हालात को नियंत्रण में रखने का प्रयास किया।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाया पाकिस्तान
22 अप्रैल को अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इस कार्रवाई में 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया गया था। जवाब में पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों जैसे श्रीनगर, जम्मू, चंडीगढ़ और भुज को निशाना बनाते हुए मिसाइल और ड्रोन हमले की कोशिश की, लेकिन भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने उन्हें नाकाम कर दिया।
अभी भी बनी हुई है सतर्कता
हालांकि सीजफायर की घोषणा हो चुकी है, लेकिन अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह समझौता किन शर्तों पर हुआ है। साथ ही, सीमावर्ती इलाकों में अब भी सतर्कता बरती जा रही है, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से पहले भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा चुका है।