India arms global dominance: भारत अब दुनिया के नक्शे पर सिर्फ एक बड़ा रक्षा बाज़ार नहीं, बल्कि एक उभरती हुई रक्षा निर्यात शक्ति बन गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश ने 85 देशों को 2.5 अरब डॉलर से ज़्यादा के हथियार और रक्षा उपकरण बेचे हैं। यानी अब भारत ‘हथियार खरीदार’ से ‘हथियार सप्लायर’ की भूमिका में मजबूती से खड़ा है। सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में इस निर्यात को 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है। साफ है ‘मेक इन इंडिया’ अब तेजी से ‘डिफेंड द वर्ल्ड’ में बदल रहा है।
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रक्षा निर्यात के इस नए युग में भारत की कई स्वदेशी तकनीकें अब विदेशी सेनाओं की पहली पसंद बन रही हैं। चलिए जानते हैं, कौन-कौन से भारतीय हथियार आज दुनिया भर में अपनी ताकत का लोहा मनवा रहे हैं।
पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर: कारगिल से लेकर विदेशी बॉर्डर तक| India arms global dominance
DRDO द्वारा विकसित पिनाका रॉकेट सिस्टम भारत का गर्व है। कारगिल युद्ध के दौरान इसकी ताकत पूरी दुनिया ने देखी थी। अब यह सिस्टम कई विदेशी सेनाओं के रडार पर है।
75 किलोमीटर की रेंज वाला यह रॉकेट लॉन्चर एक साथ कई टारगेट पर फायर कर सकता है। तेज़ रीलोडिंग और सटीक मारक क्षमता के कारण यह अब भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट पोर्टफोलियो में अहम भूमिका निभा रहा है।
तेजस हल्का लड़ाकू विमान: विदेशी आसमानों की नई उड़ान
भारतीय वायुसेना की शान तेजस अब भारत के बाहर भी अपनी जगह बना रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित यह हल्का, तेज़ और आधुनिक एवियॉनिक्स से लैस लड़ाकू विमान अर्जेंटीना और मलेशिया जैसे देशों के साथ चर्चा में है।
तेजस अपनी कम लागत, तकनीकी कुशलता और रखरखाव में आसानी के कारण पश्चिमी जेट्स का मजबूत विकल्प बन रहा है।
अर्जुन टैंक: भारतीय जमीनी शक्ति का प्रतीक
DRDO द्वारा डिजाइन किया गया अर्जुन टैंक भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का शानदार उदाहरण है। 120 मिमी की राइफल्ड गन और एडवांस फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस यह टैंक हर तरह के इलाके में कारगर है।
कई अफ्रीकी देशों ने इसके ट्रायल में दिलचस्पी दिखाई है, जिससे भारत का टैंक मार्केट में कदम और मजबूत हो रहा है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल: भारत की सबसे बड़ी पहचान
भारत और रूस की संयुक्त परियोजना ब्रह्मोस मिसाइल अब भारत के रक्षा निर्यात की सबसे बड़ी पहचान बन चुकी है। यह सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल 290 किलोमीटर तक के लक्ष्य को सटीकता से भेद सकती है।
फिलीपींस ने ब्रह्मोस की एक बड़ी डील पर हस्ताक्षर किए हैं, और वियतनाम, इंडोनेशिया समेत कई एशियाई देश इसमें गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। आने वाले वर्षों में यह मिसाइल भारत के लिए अरबों डॉलर का एक्सपोर्ट ब्रांड बन सकती है।
धनुष तोप: बोफोर्स से भी ताकतवर स्वदेशी तोप
धनुष हॉवित्जर, भारत की पहली स्वदेशी तोप, 38 किलोमीटर तक सटीक फायरिंग करने में सक्षम है। यह मशहूर बोफोर्स तोप का आधुनिक संस्करण है। नेपाल और म्यांमार जैसे देशों में इसके प्रदर्शन की चर्चा बढ़ रही है।
आकाश मिसाइल सिस्टम: आसमान से गिरती सटीक वार
25 किलोमीटर की रेंज वाली आकाश मिसाइल अब कई देशों की सुरक्षा रणनीति का हिस्सा बन सकती है। यह सतह से हवा में मार करने वाला सिस्टम एक साथ कई दुश्मन टारगेट को निशाना बना सकता है।
सऊदी अरब, केन्या और वियतनाम जैसे देश इस भारतीय सिस्टम को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं।
