India-Pakistan Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर अमेरिकी मीडिया हाउस सीएनएन (CNN) ने एक नया दावा किया है। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत के पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले के बाद अमेरिका को इस मामले में बीचबचाव करना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका को इस बात का भय सताने लगा कि भारत ने पाकिस्तान को पूरी तरह से घेर लिया है और इससे दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का संकट उत्पन्न हो सकता है। हालांकि, भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है और साफ शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम दो पक्षों के बीच हुई बातचीत का नतीजा है, न कि किसी तीसरे पक्ष के दबाव से।
सीएनएन की रिपोर्ट में क्या कहा गया? (India-Pakistan Conflict)
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएनएन के एक कार्यक्रम में फरीद जाकरिया ने फॉरेन पॉलिसी मैगजीन के एडिटर इन चीफ रवि अग्रवाल से यह सवाल पूछा कि आखिरकार अमेरिका को इस मामले में हस्तक्षेप क्यों करना पड़ा। रवि अग्रवाल ने जवाब दिया कि भारत ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर ऐसे हमले किए जो 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान के क्षेत्र में सबसे गहरे हमले माने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये हमले गुरुवार और शुक्रवार के आसपास हुए और खास बात यह रही कि इनमें से कुछ हमले पाकिस्तान के परमाणु कमान केंद्रों के पास से होकर गुजरे।
🚨 CNN: India’s strikes neared Pakistan’s Nuclear Command Centres.
It may have SIGNALLED to the US that Islamabad is cornered.
Without intervention, tensions could ESCALATE to the unthinkable risk of NUCLEAR use.
— Even CNN accepts India’s actions left Pakistan frightened. pic.twitter.com/zU6eYBNEXn
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) May 14, 2025
रवि अग्रवाल ने कहा, “ऐसे हमले अमेरिका के लिए यह संकेत थे कि पाकिस्तान को भारत ने पूरी तरह घेर लिया है। अगर अमेरिका इसमें हस्तक्षेप नहीं करता तो संभावना थी कि यह संघर्ष और बढ़कर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल जैसी गंभीर स्थिति तक पहुंच सकता है।”
भारत का जवाब: अमेरिका की मध्यस्थता को ठुकराया
भारत सरकार ने सीएनएन की इस रिपोर्ट को स्पष्ट तौर पर खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भारत ने अमेरिका या किसी अन्य देश से पाकिस्तान के साथ संघर्ष में कोई मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है। भारत का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच जो संघर्षविराम हुआ है, वह दोनों पक्षों के बीच बातचीत और परस्पर समझौते का परिणाम है। भारत की विदेश नीति में किसी भी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी को अस्वीकार किया जाता है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि और बढ़ते तनाव
हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव में तीव्रता आई है। दोनों देशों के बीच हुई गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई के बाद भारत ने पाकिस्तान के गहरे इलाकों में हवाई हमले किए, जो पिछले दशकों में सबसे सशक्त हमले माने जा रहे हैं। इस दौरान पाकिस्तान ने भी पलटवार किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।
इस तनाव के दौरान अमेरिका समेत अन्य विश्व शक्तियों ने स्थिति को काबू में रखने की कोशिश की, ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति को नुकसान न पहुंचे। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के हमले के बाद अमेरिका को इस स्थिति को संभालने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी पड़ी, जिससे एक बड़े परमाणु संकट से बचा जा सके।
और पढ़ें: Lucknow Bus Fire News: लखनऊ में चलती बस में लगी भीषण आग, 2 बच्चों समेत 5 लोगों की मौत