India Pakistan Tension: रविवार को जहां करोड़ों आंखें भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले एशिया कप मुकाबले पर टिकी हैं, वहीं इससे ठीक एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर हालात गर्मा गए। पाकिस्तान की ओर से नौगाम सेक्टर में की गई गोलीबारी ने एक बार फिर यह संकेत दे दिया कि सीमा पार शांति सिर्फ एक भ्रम है।
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शनिवार शाम को चली गोलियां- India Pakistan Tension
सेना सूत्रों के मुताबिक, शनिवार शाम करीब 6:15 बजे पाकिस्तानी सैनिकों ने छोटे हथियारों से फायरिंग की। यह गोलीबारी लगभग एक घंटे तक रुक-रुक कर चलती रही। हालांकि, इसमें किसी तरह की जनहानि या बड़े नुकसान की खबर नहीं है। सेना ने फिलहाल इसे संघर्षविराम उल्लंघन नहीं माना है, लेकिन दोनों ओर से हुई फायरिंग ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट जरूर कर दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी टेंशन
इस घटना को हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की सबसे बड़ी हरकत माना जा रहा है। बता दें कि 7 मई को भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान की सीमा में मौजूद कई आतंकी लॉन्चपैड और हवाई ठिकाने तबाह कर दिए गए थे, जबकि भारत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ था।
इसके बाद दोनों देशों ने 10 मई 2025 को संघर्षविराम पर सहमति जताई थी। लेकिन अब एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी को सीजफायर के बाद पहला बड़ा उकसावा माना जा रहा है।
ड्रोन हमलों की नाकाम कोशिश भी कर चुका है पाकिस्तान
ऑपरेशन सिंदूर के कुछ ही दिन बाद पाकिस्तान ने ड्रोन से हमले की कोशिश भी की थी, जिसे भारतीय सेना ने मुस्तैदी से नाकाम कर दिया था। इस पर भारत ने पाकिस्तान के वायुसेना अड्डों पर जवाबी कार्रवाई की थी। इसके बाद तनाव भले ही कम हुआ हो, लेकिन सीमा पर शांति अब भी कच्चे धागे से बंधी लगती है।
सेना ने हालात की समीक्षा की
इस बीच उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने शनिवार को उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और घुसपैठ रोधी रणनीति की समीक्षा की। उन्होंने सेना के जवानों द्वारा तैयार किए गए तकनीकी नवाचार और युद्ध-तैयारी का प्रदर्शन देखा और उनकी सराहना की।
जनरल शर्मा ने ‘ऑपरेशन गुड्डार’ में हिस्सा लेने वाले राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को सम्मानित भी किया। इस ऑपरेशन में कुलगाम जिले में दो खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया गया था, जिनमें एक पाकिस्तानी नागरिक भी शामिल था।
क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
रक्षा मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि एलओसी पर छोटी झड़पें सामान्य मानी जाती हैं, खासकर जब गश्त या निगरानी में सीमा पर आमना-सामना हो जाए। लेकिन पिछले कुछ महीनों से भारत-पाक के रिश्तों में तनाव लगातार बढ़ा है, इसलिए ऐसी हर छोटी घटना अब कहीं ज्यादा संवेदनशील हो गई है।
क्रिकेट मैदान से पहले सीमा पर भिड़ंत
भारत-पाक मैच से एक दिन पहले एलओसी पर हुई इस घटना ने माहौल को और ज्यादा तनावपूर्ण बना दिया है। एक ओर दोनों देश क्रिकेट के मैदान में आमने-सामने होंगे, तो दूसरी ओर सीमा पर भी हालात सामान्य नहीं हैं। यह साफ है कि पाकिस्तान की तरफ से क्रिकेट के बहाने बनी नरमी की हवा को बार-बार बारूदी हरकतों से खराब किया जा रहा है।
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