India Pakistan War News: पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल मौलाना आसिम मुनीर ने हाल ही में भारत को गीदड़भभकी दी थी, लेकिन अब पाकिस्तान की सेना की पोल बलूचिस्तान में खुल चुकी है। बलूचिस्तान के अलगाववादी विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, जिससे उसकी ताकत में कमी आई है। इस बीच, बलोच नेता और पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली के पूर्व सदस्य सरदार अख्तर मेंगल ने जनरल मुनीर की धमकी का कड़ा जवाब दिया है।
जनरल मुनीर की धमकी- India Pakistan War News
जनरल मुनीर ने पिछले महीने इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानियों के एक सम्मेलन में बलूचिस्तान के अलगाववादी समूहों को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का “माथे का झूमर” है और अगर कोई इसे लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करेगा, तो पाकिस्तानी सेना ऐसा कुछ करेगी कि बलूचों की आने वाली दस नस्लें भी इसे याद रखेंगी। जनरल मुनीर के इस बयान ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है।
सरदार मेंगल का तीखा जवाब
इस धमकी के बाद बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता सरदार अख्तर मेंगल ने जनरल मुनीर को जवाब देते हुए पाकिस्तान की शर्मनाक हार की याद दिलाई। उन्होंने कहा, “आपकी सेना ने बांगलादेश में जो शर्मनाक हार झेली थी, उसे पाकिस्तान के लोग कितने समय तक याद रखेंगे?” मेंगल ने कहा कि बलूच लोग 75 साल से पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों को याद कर रहे हैं।
बांगलादेश युद्ध की शर्मनाक हार की याद
मेंगल ने बांगलादेश युद्ध के दौरान पाकिस्तान की हार का जिक्र करते हुए कहा, “दुनिया में कभी भी इतने सैनिकों ने बिना शर्त हथियार नहीं डाले हैं, जितने पाकिस्तान के 90,000 सैनिकों ने बांगलादेश में डाले थे।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की फौज के सैनिकों की पतलूनें अब भी वहां लटकी हुई हैं। इस घटना ने पाकिस्तान की सेना की स्थिति को पूरी दुनिया के सामने उजागर किया था, लेकिन पाकिस्तान के मीडिया में यह बताया गया कि पाकिस्तान ने भारत के इलाके जीत लिए हैं, जो पूरी तरह से झूठ था।
पाकिस्तान की सेना को अपनी नीति पर विचार करने की जरूरत
यह घटनाक्रम पाकिस्तान की सेना की कमजोरी को उजागर करता है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ विद्रोह लगातार बढ़ रहा है और जनरल मुनीर की धमकियों ने इस विद्रोह को और हवा दी है। सरदार मेंगल द्वारा दी गई चेतावनियाँ यह साफ करती हैं कि पाकिस्तान को अपनी नीतियों पर पुनः विचार करना होगा, खासकर बलूचिस्तान जैसे संवेदनशील इलाकों में। पाकिस्तान को अपने आंतरिक संघर्षों को सुलझाने की आवश्यकता है, बजाय इसके कि वह भारत के खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी करता रहे।
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