India vs Pakistan War: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन अभी भी भारत की शांति व्यवस्था को बिगाड़ने में लगे हुए हैं। इस हमले में निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया गया था। भारतीय एजेंसियों की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इस हमले के तार पाकिस्तान की जमीन से संचालित आतंकी संगठनों से जुड़े हैं। इसके बाद भारत ने साफ कर दिया था कि वह इस हमले का करारा जवाब देगा। और वही हुआ — 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंकियों के खिलाफ कड़ी और सटीक कार्रवाई की।
7 मई: ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत- India vs Pakistan War
हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने जवाबी हमला शुरू किया। तड़के सुबह 1:03 बजे से 1:35 बजे तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय सेना और नौसेना की संयुक्त कार्रवाई में पाकिस्तान और पीओके के कुल 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। खास बात यह रही कि भारत ने इस कार्रवाई में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, पाकिस्तान के किसी सैन्य अड्डे को नहीं छुआ। सियालकोट का महमूना जोया शिविर, पीओके के कोटली स्थित गुलपुर कैंप और अब्बास आतंकी समूह के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया। इस हमले में कई वांछित आतंकी मारे गए, जिनमें एक इजरायली पत्रकार की हत्या में शामिल आतंकी भी शामिल था।
8 मई: पाकिस्तान की बौखलाहट
भारत की इस सटीक और प्रभावी कार्रवाई से पाकिस्तान में बौखलाहट फैल गई। 8 मई को पाकिस्तान ने एलओसी पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए भारत के कई शहरों को ड्रोन और मिसाइल से निशाना बनाने की कोशिश की। श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, चंडीगढ़, भुज जैसे शहरों को टारगेट किया गया। लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को नाकाम कर दिया।
हालांकि, इस हमले में पाकिस्तान की गोलीबारी से 16 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिनमें तीन महिलाएं और पांच बच्चे शामिल थे। इसके जवाब में भारत ने लाहौर की एक एयर डिफेंस प्रणाली को निष्क्रिय कर दिया और पाकिस्तान की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया।
9 मई: ड्रोनों की बौछार
पाकिस्तान ने तीसरे दिन यानी 9 मई को भी संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी रखा। इस बार उसने 300 से 400 ड्रोनों के जरिये भारत के 15 शहरों को निशाना बनाया, लेकिन भारत ने फिर से इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया। जवाब में भारत ने लाहौर, कराची, इस्लामाबाद, पेशावर जैसे शहरों में स्थित आतंकी और रणनीतिक ठिकानों पर हमला किया। इस कार्रवाई में पाकिस्तान का चीनी तकनीक से लैस J-17 फाइटर जेट भी मार गिराया गया।
10 मई: भारत की निर्णायक कार्रवाई
10 मई को पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के कई शहरों और एयरबेस को निशाना बनाते हुए हमले किए, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस ने उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया। जवाब में भारत ने पाकिस्तान के चार प्रमुख एयरबेस—रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस, शोरकोट का रफीकी बेस, और मुरीद एयरफोर्स स्टेशन—को ध्वस्त कर दिया।
इन हमलों के दौरान एक जलता हुआ ड्रोन पंजाब के फिरोजपुर में गिरा, जिससे एक परिवार के तीन सदस्य घायल हो गए।
11 मई: सीजफायर की पहल
लगातार तीन दिन तक चले इस संघर्ष के बाद आखिरकार पाकिस्तान झुक गया। 11 मई को दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को फोन कर सीजफायर की पेशकश की। दोनों देशों ने शाम 5 बजे से सभी प्रकार की सैन्य गतिविधियां—थल, वायु और जल में—रोकने पर सहमति जताई। हालांकि कुछ इलाकों में सीजफायर उल्लंघन की खबरें बाद में भी आती रहीं।