Constitution Day: आज संविधान दिवस (Constitution Day) है, जिसे हर वर्ष 26 नवम्बर को मनाया जाता है। यह दिन राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day) के रूप में भी जाना जाता है और भारत के इतिहास में इसका विशेष महत्व है। लेकिन क्या आप भारतीय संविधान से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्यों के बारे में जानते हैं? यदि नहीं, तो आइए इस लेख में विस्तार से जानें कि संविधान कब तैयार हुआ और इसे कब लागू किया गया।
संविधान की अनूठी विशेषताएं
- 26 नवंबर 1949 को, भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया। हालांकि, इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया, जो अब गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जो किसी भी संप्रभु देश के संविधान की तुलना में सबसे बड़ा है।
- इसके प्रारंभ में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां शामिल थीं, जबकि वर्तमान में इसमें लगभग 448 अनुच्छेद हैं।
- भारतीय संविधान को “उधार का थैला” कहा जाता है, क्योंकि इसके कई प्रावधान विभिन्न देशों के संविधानों से लिए गए हैं, जैसे कि ब्रिटेन (Britain) का संसदीय सरकार और कानून का शासन।
- संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के सिद्धांतों का भी इसमें समावेश है। इसके साथ ही आयरलैंड (Ireland) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत (Directive Principles of State Policy) और कनाडा (Canada) संघीय ढांचा।
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संविधान दिवस का इतिहास – History of Constitution Day
भारत सरकार ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाने के लिए, 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था। इससे पहले इसे राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में जाना जाता था। संविधान सभा में कुल 299 सदस्य थे। उन्होंने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में संविधान का मसौदा तैयार किया था।
डॉ. बीआर अंबेडकर (Dr. BR Ambedkar) ने 1928 में संविधान सभा की मसौदा समिति के अन्य सदस्यों, जैसे कि केएम मुंशी, मुहम्मद सादुल्लाह, अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, गोपाल स्वामी अयंगर और एन. माधव राव के साथ मिलकर संविधान को विधिवत रूप से तैयार किया। इसका मकसद नेहरू द्वारा प्रस्तावित पूर्ण स्वराज के विचार को स्वीकार करना था। यह दिवस हमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उन मूल्यों को याद दिलाता है जिन पर हमारा राष्ट्र खड़ा है।
