Kalindi Kunj Bangladeshi Rohingya: दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में रोहिंग्या शरणार्थियों पर रिपोर्टिंग कर रहे एक यूट्यूबर के साथ एक महिला द्वारा बदसलूकी करने का मामला सामने आया है। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिससे विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न हो रही हैं।
घटना का विवरण- Kalindi Kunj Bangladeshi Rohingya
यूथ मीडिया टीवी के पत्रकार कालिंदी कुंज क्षेत्र में रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। वहां मौजूद लोगों से उन्होंने पूछा कि वे कितने समय से इस इलाके में रह रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि वे बांग्लादेश से आए हैं। इसी दौरान एक महिला वहां पहुंची और पत्रकार से भिड़ गई। महिला ने पत्रकार से कैमरा बंद करने को कहा। जब पत्रकार ने कैमरा बंद करने से इनकार किया, तो महिला ने पूछा कि क्या यह सरकारी है।
A journalist was talking to Rohingya muslims settled in Delhi’s Kalindi Kunj Area.
A woman came out of nowhere and started fighting with journalist. She asked the journalist to stop using camera.
When journalist questioned her….she said….This is Pakistan. pic.twitter.com/nDxnbLHohm
— Incognito (@Incognito_qfs) March 5, 2025
विवाद के दौरान, पत्रकार ने महिला से पूछा कि वह कैमरा बंद करने के लिए क्यों कह रही है, क्या यह पाकिस्तान है? इस पर महिला ने जवाब दिया, “पाकिस्तान ही समझ लो।” उसने आगे कहा कि आप कहीं और जाकर शूट करें, जहां लोकतंत्र हो।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोग पत्रकार की स्वतंत्रता का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य महिला के पक्ष में खड़े हैं, यह कहते हुए कि शरणार्थियों की निजता का सम्मान किया जाना चाहिए।
कालिंदी कुंज में रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति
कालिंदी कुंज क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ से दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों के निवास स्थान और उन्हें उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी मांगी थी। एनजीओ ने बताया कि आधार कार्ड न होने के कारण रोहिंग्या शरणार्थियों को सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में प्रवेश नहीं मिल रहा है, हालांकि उनके पास संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) के कार्ड हैं।
पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कालिंदी कुंज इलाके में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या निवासियों की पहचान के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान पुलिस ने झुग्गी बस्तियों में दस्तावेज़ सत्यापन किया और कई लोगों को हिरासत में लिया। यह अभियान उपराज्यपाल के आदेश के बाद तेज किया गया है, जिसमें अवैध निवासियों की पहचान और कार्रवाई पर जोर दिया गया है।
शरणार्थियों की समस्याएं
रोहिंग्या शरणार्थियों को आधार कार्ड न होने के कारण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एनजीओ द्वारा दायर जनहित याचिका में रोहिंग्या बच्चों को बिना आधार कार्ड के सरकारी स्कूलों में प्रवेश और परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति देने की मांग की गई है।
कालिंदी कुंज में हुई इस घटना ने रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति और उनसे संबंधित मुद्दों को फिर से उजागर किया है।