Kanpur News: कानपुर के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त नेमी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। जिलाधिकारी ने सीएमओ पर भ्रष्टाचार, लापरवाही और कर्मचारियों के मानसिक एवं आर्थिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पत्र में कहा गया है कि सीएमओ ने स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाओं में घोर लापरवाही बरती है और प्रशासनिक नियंत्रण में भारी खामियां पाई गई हैं।
सीएमओ पर भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप- Kanpur News
जिलाधिकारी ने पत्र में उल्लेख किया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत रिक्त पदों का विज्ञापन संबंधित विभाग की वेबसाइट पर जारी नहीं किया गया, साथ ही साक्षात्कार का परिणाम भी निर्धारित समय पर नहीं घोषित किया गया। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि सीएमओ ने स्वास्थ्य केंद्रों में अधिकारियों और कर्मचारियों का मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न किया है। कई बार निरीक्षण के बाद भी सीएमओ ने कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की, और यह प्रकरण अधिक गंभीर बन गया है।
#कानपुर कलेक्टर जितेंद्र सिंह जिस CMO हरिदत्त नेमी को हटाने के लिए सारे घोड़े खोले हुए हैं, एड़ी चोटी का ज़ोर लगाए हुए हैं। शासन में चिट्ठी पर चिट्ठी भेज रहे हैं।
खुन्दक में भरी मीटिंग से बाहर निकाल देते हैं उन्हीं #CMO डाक्टर नेमी की भलमनसाहत और मृदुल स्वभाव की कसमें #कानपुर… pic.twitter.com/1TnmdgFGNQ
— Mamta Tripathi (@MamtaTripathi80) June 14, 2025
नौ बार तबादला आदेश, प्रशासनिक नियंत्रण का अभाव
जिलाधिकारी ने पत्र में यह भी बताया कि सीएमओ ने 10 दिन के अंदर नौ बार तबादला आदेश जारी किए, जिनमें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर्यन सिंह सहित कई अन्य डॉक्टर शामिल हैं। इस दौरान, अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर सीएमओ का प्रशासनिक नियंत्रण पूरी तरह से शिथिल था। जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बढ़ गई थी। जब निरीक्षण में अनुपस्थित पाए गए स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, तब यह मामला और गंभीर हो गया।
निरीक्षण के दौरान मिलीं खामियां
डॉ. हरिदत्त नेमी के तहत निरीक्षण में स्वास्थ्य केंद्रों की खामियां उजागर हुईं। फर्जी मरीजों के नाम रजिस्टर में दर्ज पाए गए और स्वास्थ्य केंद्रों में लापरवाही की कई मिसालें सामने आईं। काशीराम अस्पताल और पीएचसी, सीएचसी के निरीक्षण में भी कई खामियां पाई गईं, लेकिन सीएमओ ने इनपर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा, एक वरिष्ठ लेखा अधिकारी डॉ. वंदना सिंह को वित्तीय कार्य से हटा दिया गया और उनकी जगह गैर-आवश्यक व्यक्ति को नियुक्त किया गया।
सीएमओ पर आरोपों का जवाब
इस पत्र के बाद सीएमओ डॉ. हरिदत्त ने इस मामले में अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी ऑडियो या आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं, यह भी चर्चा है कि सीएमओ को डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने एक बैठक के दौरान बाहर निकाल दिया था, जिसके बाद सीएमओ ने कहा कि उन्हें बैठक से बाहर निकाल दिया गया। हालांकि, इस बात पर वह ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते थे और उन्होंने इसे डीएम का अधिकार बताया।
डीएम की कार्रवाई की संस्तुति
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्र में सीएमओ के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों में मिली खामियों और लापरवाही के बावजूद सीएमओ ने कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया। इसके अलावा, सीएमओ द्वारा डॉक्टरों के मनमाने तबादले और कर्मचारियों का उत्पीड़न भी उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं।
शहर में चर्चा
कानपुर शहर में पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा जोर पकड़ चुकी थी कि जिलाधिकारी और सीएमओ के बीच रिश्ते ठीक नहीं हैं। सीएमओ की लगातार शिकायतों के बाद जिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य केंद्रों की हालत का जायजा लिया था और अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया था। इन घटनाओं ने यह साफ कर दिया कि सीएमओ का प्रशासनिक नियंत्रण कमज़ोर था, जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट आई।