Karandeep Singh Rana Missing: देहरादून के रहने वाले 22 वर्षीय करनदीप सिंह राणा पिछले 19 दिनों से लापता हैं और अब तक उनका कोई पता नहीं चल पाया है। करनदीप मर्चेंट नेवी में सीनियर डेक कैडेट के पद पर कार्यरत थे और 20 सितंबर को वह उस जहाज से रहस्यमय तरीके से गायब हो गए जिस पर वह ड्यूटी कर रहे थे। इस घटना ने उनके परिवार की ज़िंदगी जैसे थाम दी है। मां शशि राणा और बहन सिमरन राणा दर-दर भटक रही हैं, लेकिन न तो शिपिंग कंपनी से संतोषजनक जवाब मिल रहा है, न ही सरकार से कोई ठोस मदद मिली है।
आखिरी बातचीत और गायब होने की कहानी- Karandeep Singh Rana Missing
करनदीप 18 अगस्त को सिंगापुर से एमटी फ्रंट प्रिंसेस नाम के जहाज पर सवार हुए थे। जहाज इराक से होते हुए चीन की ओर जा रहा था। 20 सितंबर को दोपहर करीब 2:30 बजे करनदीप ने अपने परिवार से आखिरी बार बात की। सब कुछ सामान्य था, लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद उन्हें “लापता” घोषित कर दिया गया।
शिपिंग कंपनी के मुताबिक, करनदीप श्रीलंका और सिंगापुर के बीच समुद्र में कहीं लापता हुए। जहाज चार दिन तक श्रीलंका में खड़ा रहा और तलाशी अभियान भी चलाया गया, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
CCTV नहीं? परिवार को नहीं हजम
करनदीप की बहन सिमरन ने जब कंपनी से जहाज का CCTV फुटेज मांगा, तो उन्हें जवाब मिला कि जहाज नया है और उसमें कैमरे ही नहीं लगे हैं। यह बात परिवार को पूरी तरह से अस्वीकार्य लग रही है। एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑपरेट करने वाले जहाज में CCTV न होना खुद एक सवाल बन गया है।
मिला सिर्फ एक जूता और कैमरा
करनदीप को जिस जगह पर आखिरी बार देखा गया था, वहां से उनका एक जूता और एक कैमरा बरामद हुआ। सिमरन ने बताया कि करनदीप को हर रात ड्यूटी के बाद चीफ ऑफिसर को फोटो भेजनी होती थी। माना जा रहा है कि वह गायब होने से ठीक पहले वही फोटो खींचने गए थे। DG शिपिंग ने यह जानकारी दो दिन बाद दी, लेकिन न कोई तस्वीर दी गई, न ही कोई प्रमाण।
चीन में जांच, लेकिन परिवार अंधेरे में
अब यह जहाज चीन पहुंच चुका है, जहां जांच शुरू की गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कैप्टन, चीफ ऑफिसर समेत चार अधिकारियों के बयान लिए जा चुके हैं। परिवार के दो सदस्यों को जांच में शामिल करने की बात कही गई है, लेकिन उन्हें यह नहीं बताया गया कि जाना कब और कहां है।
सरकार से कोई मदद नहीं
सिमरन राणा बताती हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और तमाम संबंधित अधिकारियों को मेल और पत्र लिखे, लेकिन अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला। करनदीप की मां की हालत बेहद खराब है। वह बार-बार बस यही कहती हैं – “मैंने कंपनी को अपना बेटा दिया था, मुझे मेरा बेटा चाहिए… वैसा ही जैसा वो गया था।”
सोशल मीडिया पर चल रही अपील
करनदीप के मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट शेयर किए जा रहे हैं, लोग उनकी तलाश की अपील कर रहे हैं। लेकिन परिवार की सबसे बड़ी चिंता है कि इतने दिन बीतने के बाद भी अब तक न तो सच्चाई सामने आई है, न ही कोई कार्रवाई की रफ्तार दिख रही है।