जितनी डोज मिली, उससे ज्यादा वैक्सीन लगाई…जानिए केरल ने कैसे किया ये कमाल, जिसने पीएम मोदी को भी किया कायल?

जितनी डोज मिली, उससे ज्यादा वैक्सीन लगाई…जानिए केरल ने कैसे किया ये कमाल, जिसने पीएम मोदी को भी किया कायल?

देश में कोरोना की दूसरी लहर के भयंकर प्रकोप के बीच वैक्सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है। सरकार ने 18 से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी। वैक्सीन का तीसरा फेज एक मई से ही शुरू हुआ है। हालांकि कुछ राज्यों से लगातार वैक्सीन की कमी की शिकायतें की जा रही है। कई राज्य सरकारें ये कहती नजर आ रही हैं कि उनके पास वैक्सीन की शॉर्टेज है। 

इस बीच केरल की सरकार ने वैक्सीनेशन को लेकर मिसाल पेश की है। केरल में वैक्सीन की जीरो वेस्टेज की गई। इस कदम से पीएम मोदी भी काफी प्रभावित हो गए और उन्होंने वैक्सीन की कम से कम वेस्टेज के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की काफी तारीफ की। 

कम से कम की वैक्सीन की वेस्टेज

बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से उनको वैक्सीन की जितनी डोज मिलीं, उससे ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई। केरल के सीएम पिनराई विजयन ने ट्वीट कर बताया कि भारत सरकार की तरफ से केरल को वैक्सीन की 73,38,806 डोज मिली हैं। हमने 74,26,164 लोगों को डोज दी गई। हमने हर वायल में वेस्टेज के हिसाब से मिली, अतिरिक्त डोज का भी इस्तेमाल किया। हमारे स्वास्थ्यकर्मी, खासतौर पर नर्स सुपर कुशल हैं और हमारी पूरी सराहना के पात्र हैं।’

इस काम के लिए पीएम मोदी भी केरल के स्वास्थ्यकर्मियों की तारीफ करने से पीछे नहीं रहे। पीएम मोदी ने सीएम पिनराई विजयन की ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा- ‘देखकर अच्छा लगा कि हमारे स्वास्थ्यकर्मियों और नर्सों ने वैक्सीन वेस्टेज कम करने का उदाहरण दिया। COVID-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए टीके के वेस्टेज को कम करना महत्वपूर्ण है।’

ऐसे किया ये कमाल

आपको जानकारी के लिए बता दें कि वैक्सीन की हर 5 मिली की वायरल में 10 डोज होती है। लेकिन एक वायल से 11 से 13 लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकती है।  खुराक की कमी ना हो, इसके लिए हर शीशी में एक्सट्रा खुराक डाली जाती है। ऐसा ही केरल में किया जा रहा है। केंद्र सरकार के एक मई के कोविड वैक्सीन के डेटा के ममुताबिक दो राज्य, केरल और आंध्र प्रदेश ऐसे हैं, जहां कुल वैक्सीन डोज से ज्यादा खुराक लोगों को दी गई।

एक बात और बता दें कि वैक्सीन की वायल जब एक बार खुल जाती है, तो उसका इस्तेमाल 4 घंटों में ही करना होता है। एक वायल में डोज बच गई, तो उसको दूसरी वायल में मिलाया नहीं जा सकता। इस वजह से केरल ने ये तय किया कि वो वैक्सीन का वायरल तभी इस्तेमाल करेंगे, जब टीका लगवाने के लिए 10 लोग तो मौजूद हो हीं। 

गौरतलब है कि डेटा का मुताबिक देश में अब तक करीबन 3 लाख डोज बर्बादी की जा चुकी है। सबसे ज्यादा वैक्सीन की वेस्टेज तमिलनाडु, असम, मणिपुर और हरियाणा में हुई। 

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