इस धर्म के लोग सबसे ज्यादा बेरोजगार, पढ़े-लिखे लोगों को भी नहीं मिल रही नौकरी, आंकड़े देख हैरान रह जाएंगे आप

Unemployment in india
Source: Google

भारत जैसे देश में बेरोजगारी हमेशा से एक चुनौती रही है। कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, हर कोई बेरोजगारी का ठोस समाधान निकालने में कहीं न कहीं विफल रहा है। अगर बेरोजगारी के आंकड़ों पर गौर करें तो धर्म-जाति बनाम बेरोजगारी को लेकर एक नया पैटर्न देखने को मिलता है, जो काफी हैरान करने वाला है। दरअसल, हाल ही में रोजगार के आंकड़ों पर पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की नई रिपोर्ट आई है। इस रिपोर्ट में जुलाई 2023 से जून 2024 तक के आंकड़े हैं। रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान बेरोजगारी दर न तो बढ़ी है और न ही घटी है। लेकिन चिंता की बात यह है कि देश में पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है और अलग-अलग धर्मों में बेरोजगारी दर भी काफी अलग-अलग है।

और पढ़ें: क्या खत्म हो जाएगा Beer Biceps का करियर? Ranveer Allahbadia के दो यूट्यूब चैनल हुए डिलीट

शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी!

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत के 83% बेरोज़गार युवा होंगे। इसके अलावा, पिछले 20 वर्षों में, बेरोज़गारों में शिक्षित व्यक्तियों का अनुपात लगभग दोगुना हो गया है। ILO के एक अनुमान के अनुसार, बेरोज़गारों में शिक्षित व्यक्तियों का प्रतिशत 2000 में 35.2% से बढ़कर 2022 में 65.7% हो गया। ILO के अनुसार, भारतीय युवाओं के सामने सबसे बड़ा मुद्दा – विशेष रूप से वे जो स्नातक हैं – बेरोज़गारी है, जो समय के साथ लगातार बढ़ रही है। PLFS की वार्षिक रिपोर्ट दर्शाती है कि शिक्षा के स्तर के साथ बेरोज़गारी बढ़ती है। यह दर्शाता है कि जो लोग बिल्कुल भी स्कूल नहीं जा पाते हैं उनके लिए बेरोज़गारी दर 0.2% है। हालांकि, अपनी शिक्षा का 12वां वर्ष पूरा करने वाले छात्रों की बेरोज़गारी दर इससे कम है।

this religion people are most unemployed
Source: Google

जाति-धर्म का रिपोर्ट कार्ड

सर्वेक्षण के अनुसार, सिख धर्म का पालन करने वालों की देश में सबसे अधिक बेरोज़गारी दर है। 2023-2024 में बेरोज़गारी दर हिंदुओं के लिए 3.1%, मुसलमानों के लिए 3.2%, सिखों के लिए 5.8% और ईसाइयों के लिए 4.7% थी। इसके अलावा, 42% सिख, 37% मुसलमान, 45% ईसाई और 45% हिंदू रोज़गार में हैं। हालांकि, यह रुझान दर्शाता है कि रोज़गार या नौकरी चाहने वालों के मामले में मुसलमान वह समूह है जो सबसे अधिक बढ़ा है। 2022-2023 में 32.5% मुसलमान कार्यरत थे या सक्रिय रूप से रोज़गार की तलाश कर रहे थे। इसके विपरीत, 2023-2024 में 38% से अधिक मुसलमान ऐसे ही होंगे। इसी तरह, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 53% सदस्य कार्यरत थे या सक्रिय रूप से रोज़गार की तलाश कर रहे थे। इसके विपरीत, अनुसूचित जाति (एससी) के 44% और 45% लोग कार्यरत थे।

this religion people are most unemployed
Source: Google

रिपोर्ट में लिखी गईं ये खास बात…

रिपोर्ट बताती है कि कुल आबादी में से जिनके पास नौकरी थी, उनमें से 58.4% के पास अपनी नौकरी थी। जबकि, नियमित वेतन पाने वाले सिर्फ़ 21.7% लोग थे। वहीं, 19.8% दिहाड़ी मजदूर थे। वहीं, 15 से 29 साल के युवाओं में बेरोज़गारी दर थोड़ी बढ़ी है। इस उम्र के युवाओं में बेरोज़गारी दर 2022-23 में 10% थी, जो 2023-24 में बढ़कर 10.2% हो गई। शहरी इलाकों में यह 14.7% और ग्रामीण इलाकों में 8.5% रही।

और पढ़ें: क्या है ये डिजिटल अरेस्ट का झोल, जानिए कॉल आने पर पीड़ित के साथ क्या होता है?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here