Maharashtra News: महाराष्ट्र में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों के लिए आने वाले दिन थोड़े मुश्किल भरे हो सकते हैं। वजह है राज्य सरकार की एक नई योजना, जिसमें कर्मचारियों के डेली वर्किंग ऑवर्स यानी रोजाना के काम के घंटे 9 से बढ़ाकर 10 करने का प्रस्ताव रखा गया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा हुई।
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यह बदलाव ‘महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017’ में संशोधन के ज़रिए किया जा सकता है। अगर ये बदलाव लागू हो जाते हैं, तो ये नियम पूरे राज्य में दुकानों, होटल्स, मॉल्स, रेस्टोरेंट्स, सिनेमा घरों और दूसरे मनोरंजन स्थलों पर काम करने वाले कर्मचारियों पर लागू होंगे।
क्या कहा गया कैबिनेट मीटिंग में? Maharashtra News
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के श्रम विभाग ने इस प्रस्ताव को प्रेज़ेंट किया। जानकारी के मुताबिक इस दौरान मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने इसपर और ज़्यादा स्पष्टता की मांग की है। इसलिए फिलहाल इसपर कोई फाइनल फैसला नहीं लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, प्रस्ताव में कुल पाँच बड़े बदलाव सुझाए गए हैं, जिनमें सबसे अहम है काम के घंटे बढ़ाना।
काम के घंटे कैसे बदलेंगे?
अब तक एक वयस्क कर्मचारी को दिन में अधिकतम 9 घंटे काम करना पड़ता था, लेकिन प्रस्ताव में इसे बढ़ाकर 10 घंटे करने की बात कही गई है। साथ ही, श्रम अधिनियम की धारा 12 में बदलाव करते हुए ये भी प्रस्ताव रखा गया है कि कोई भी वयस्क कर्मचारी एक बार में 6 घंटे से ज़्यादा लगातार काम नहीं करेगा, जब तक उसे आधे घंटे का ब्रेक न दिया जाए। अभी यह लिमिट 5 घंटे है।
ओवरटाइम भी बढ़ेगा
सिर्फ काम के घंटे ही नहीं, ओवरटाइम को लेकर भी सरकार नए नियम लाने की तैयारी में है। अभी एक कर्मचारी को तीन महीने में अधिकतम 125 घंटे ओवरटाइम करने की अनुमति है, लेकिन इसे बढ़ाकर 144 घंटे करने का प्रस्ताव दिया गया है।
इतना ही नहीं, वर्तमान में एक दिन में अधिकतम काम के घंटे (ओवरटाइम समेत) 10.5 घंटे हैं, जिसे बढ़ाकर 12 घंटे किया जा सकता है। कुछ खास परिस्थितियों में तो 12 घंटे की भी लिमिट हटाने का सुझाव दिया गया है, यानी ज़रूरत पड़ने पर कर्मचारियों से किसी भी संख्या में घंटे काम करवाए जा सकते हैं।
किन संस्थानों पर होगा असर?
फिलहाल ये कानून उन प्रतिष्ठानों पर लागू होता है जहां कम से कम 10 कर्मचारी काम करते हैं। लेकिन प्रस्ताव के मुताबिक अब ये सीमा बढ़ाकर 20 कर्मचारियों वाले संस्थानों पर लागू की जाएगी। यानी बड़ी दुकानों, मॉल्स, मल्टीप्लेक्स, होटल्स, फूड चेन और एंटरटेनमेंट सेंटर्स में काम करने वाले लोग इन नए नियमों के दायरे में आएंगे।
अभी कोई अंतिम फैसला नहीं
एक वरिष्ठ मंत्री ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि कई मंत्रियों ने प्रस्ताव के असर को लेकर कुछ सवाल उठाए और कहा कि ज़रूरी है कि इसपर और चर्चा हो। इसलिए कैबिनेट ने फिलहाल इस प्रस्ताव को होल्ड पर रख दिया है।
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