Marathi Hindi Controversy: मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक नया विवाद सामने आया है, जो भाषा के मुद्दे पर शहर में बढ़ती बहस को और गरमा दिया है। हाल ही में एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक महिला को मराठी नहीं बोलने पर परेशान करते नजर आ रहे हैं। यह घटना न केवल समाज में भाषाई असहमति को उजागर करती है, बल्कि सार्वजनिक स्थलों पर भाषा के इस्तेमाल को लेकर चल रही बहस को भी तूल देती है।
वायरल हो रहे इस वीडियो में एक महिला को कुछ लोग घेरते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो उस पर मराठी में बात करने का दबाव बना रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब महिला अपने घर के पास खड़ी थी। तभी एक ग्रुप ने उसका रास्ता रोक लिया और उसे मराठी में बात करने के लिए मजबूर करने लगे। महिला के मना करने के बाद, बहस शुरू हो गई और हालात और बिगड़ने लगे।
“यह महाराष्ट्र है, मराठी बोलो” – Marathi Hindi Controversy
वीडियो में एक व्यक्ति महिला के पास पहुंचकर आक्रामक तरीके से उंगली उठाता हुआ चिल्लाते हुए कहता है, “यह महाराष्ट्र है, मराठी बोलो!” इसके बाद, ग्रुप के बाकी लोग भी उसे जोर-जोर से मराठी में बात करने के लिए कहने लगते हैं। इस तरह की मानसिकता ने न केवल महिला को अपमानित किया, बल्कि सामाजिक सौहार्द्र को भी नुकसान पहुँचाया।
Marathi Vs Hindi In Mumbai:
A video of a woman from #Ghatkopar saying that #Hindi is the language of #India , you should speak in Hindi and not #Marathi is going viral. pic.twitter.com/xz3u7MXN5z
— Smriti Sharma (@SmritiSharma_) July 21, 2025
“तुम हिंदुस्तानी नहीं हो क्या?”
महिला ने अपनी भाषाई स्वतंत्रता का उल्लंघन होते हुए देखा और उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, “मैं मराठी नहीं बोलूंगी, आप हिंदी में बात करते हैं।” महिला ने फिर जवाब देते हुए पूछा, “आप भारतीय नहीं हो क्या? क्या आप हिंदुस्तान से नहीं हैं?”
भीड़ और पुलिस का हस्तक्षेप
इस बहस के दौरान, वहां मौजूद लोग भी जमा हो गए और पुलिस को सूचित किया गया। हालांकि, पुलिस के आने से पहले ही महिला से बहस करने वाले लोग वहां से निकल चुके थे। इस पूरे घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े किए हैं, जिनमें प्रमुख यह है कि सार्वजनिक जगहों पर भाषाई असहमति के मुद्दे को किस तरह से संभाला जाना चाहिए और क्या यह हमारे नागरिक अधिकारों का उल्लंघन है?
सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रियाएं
इस वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं। जहां एक ओर कुछ लोग महिला के खिलाफ इस उत्पीड़न की निंदा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे मराठी भाषा के सम्मान और स्वाभिमान से जोड़कर देख रहे हैं। यह घटना भाषा को लेकर होने वाले विवादों को और ज्यादा उजागर करती है और इस पर बहस को हवा देती है कि क्या सार्वजनिक जीवन में भाषा की विविधता को समझा और स्वीकारा जा सकता है, या फिर यह एक जबरदस्ती की स्थिति बन जाएगी?