Monsoon session 2025: भारत की संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है, और इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। विपक्ष ने सरकार को कई मामलों में घेरने की तैयारी कर ली है, जिनमें प्रमुख मुद्दे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान के साथ सीजफायर कराने के दावे और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) हैं। इस सत्र के दौरान विपक्ष की रणनीति सरकार के खिलाफ जोरदार हमले की होगी, और खासतौर पर जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकवादी घटनाओं को लेकर विपक्ष की आलोचना केन्द्रित रहेगी।
सरकार का रुख और विपक्ष की मांगें- Monsoon session 2025
सरकार ने साफ कहा है कि वह ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष का मुख्य ध्यान 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले पर रहेगा। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, और विपक्ष ने सरकार पर इस हमले में चूक के आरोप लगाए हैं। इस पर चर्चा को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने नोटिस दिए हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने शून्यकाल को स्थगित कर पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। इसके अलावा, सांसद मणिकम टैगोर ने भी डोनाल्ड ट्रंप के विवादित बयान, पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर अलग से नोटिस दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सत्र की शुरुआत मीडिया से संवाद करते हुए करेंगे और सरकार के एजेंडे और प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी देंगे। यह सत्र खास होगा, क्योंकि यह पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रहा है, इसलिए इन मुद्दों पर चर्चा की संभावना अधिक है।
विधेयकों का पेश होना और विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस सत्र में सरकार ने 17 विधेयकों को पेश करने की योजना बनाई है, जो 21 अगस्त तक पारित किए जा सकते हैं। इन विधेयकों में कुछ महत्वपूर्ण हैं, जैसे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने संबंधी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मांग। हालांकि, सरकार के सहयोग की संभावना कम नजर आ रही है। इसके अलावा, विपक्ष ने कई अन्य मुद्दों पर भी सरकार से जवाब तलब किया है, जिनमें बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) और पाकिस्तान के साथ हुए हालिया घटनाक्रम शामिल हैं।
एअर इंडिया हादसा और विमान सुरक्षा
विपक्ष का एक और बड़ा मुद्दा एअर इंडिया के अहमदाबाद हादसे को लेकर उठने वाला है, जिसमें 260 लोगों की मौत हो गई थी। अमेरिकी रिपोर्टों में पायलटों को दोषी ठहराया गया है, और विपक्ष ने इस मामले पर सरकार से विस्तृत जवाब की मांग की है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन विवादित मुद्दों पर सीधे जवाब देने से बच सकते हैं।
सरकार की रणनीति और विपक्ष का रुख
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए पूरी तरह से तैयार है और किसी भी मुद्दे से भागने वाली नहीं है। हालांकि, ट्रंप के पाकिस्तान के संदर्भ में किए गए दावों पर उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। सरकार का ध्यान पाकिस्तान के साथ टकराव के दौरान हासिल की गई सफलता और बाद में की गई सर्वदलीय विदेश यात्राओं को उजागर करने पर रहेगा।
मॉनसून सत्र की बैठकें
मॉनसून सत्र के दौरान कुल 21 बैठकें होंगी, जो 32 दिनों के अंदर आयोजित की जाएंगी। इस सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच तीव्र बहस और चर्चा की संभावना है, जिससे आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति में नए मोड़ देखने को मिल सकते हैं।
ये बिल पेश किए जा सकते हैंः
ये नए बिल पेश किए जा सकते हैं | ये पेंडिंग बिल पेश किए जा सकते हैं |
मणिपुर GST संशोधन बिल, 2025 | इनकम टैक्स बिल, 2025 |
टैक्सेशन लॉ संशोधन बिल, 2025 | इंडियन पोर्ट्स बिल, 2025 |
जन विश्वास संशोधन बिल, 2025 | मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024 |
भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन बिल, 2025 | कोस्टल शिपिंग बिल, 2024 |
नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेस बिल, 2025 | समुद्र माल परिवहन बिल, 2024 |
नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन बिल, 2025 | बिल ऑफ लैडिंग बिल, 2024 |
भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) बिल, 2025 | गोवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन बिल, 2024 |