Moradabad Bulldozer action: मुरादाबाद की मझोला मंडी में सोमवार को प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद एक व्यापारी ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 32 वर्षीय चेतन सैनी के रूप में हुई है। वह मंडी में फलों का व्यापार करता था। चेतन के छोटे भाई विजेंद्र भाजपा से जुड़े हैं। मिली जानकारी के अनुसार, प्रशासन द्वारा उसकी दुकान तोड़े जाने से आहत होकर उसने घर की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से शहर में हड़कंप मच गया है और व्यापारियों में गहरा आक्रोश है।
आतिक्रमण हटाने के दौरान हुआ विवाद– Moradabad Bulldozer action
सोमवार को मंडी में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलवाया। इस दौरान सौ से ज्यादा दुकानों का अतिक्रमण तोड़ दिया गया। कई व्यापारियों ने इस कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन पुलिस की सख्ती ने उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। चेतन की दुकान भी प्रशासन की कार्रवाई का शिकार बनी, जिसमें लाखों रुपये का सामान बर्बाद हो गया।
चेतन ने इससे पहले अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट लिखा था, जिसमें उसने प्रशासन की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए थे। उसने लिखा, “मुरादाबाद मंडी में प्रशासन का आक्रमण, सारा बर्बाद कर दिया… सब आढ़ती बर्बाद हो गए और भगवान की दुआ से माल पर बारिश भी हो गई… प्रशासन मजे ले रहा था, बताइये क्या करें, इस बर्बादी का जिम्मेदार कौन?”
चेतन की आत्महत्या: परिवार और व्यापारियों में गुस्से का माहौल
चेतन की आत्महत्या के बाद से उसके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। उसके छोटे भाई, भाजपा नेता विजेंद्र सैनी ने आरोप लगाया कि प्रशासन के अधिकारियों ने उनकी मदद की कोई कोशिश नहीं की और न ही उन्हें अपना सामान हटाने का समय दिया। विजेंद्र ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों से मिन्नतें कीं, लेकिन फिर भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
चेतन के बड़े भाई उमेश का कहना है कि प्रशासन की इस कार्रवाई ने उनके परिवार को भारी नुकसान पहुँचाया है। उमेश ने बताया कि उसकी दुकान में करीब आठ लाख रुपये का सामान बर्बाद हो गया।
डिप्टी सीएम ने किया परिवार को ढांढस बंधाना
चेतन की आत्महत्या के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने पोस्टमार्टम हाउस पहुँचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी और प्रशासन इस मामले में पूरी संवेदनशीलता से काम करेगा।
आढ़ती समाज में गुस्सा
चेतन के परिवार में कुल चार भाई और एक बहन थी। उसकी मौत के बाद पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है। उमेश ने बताया कि उनका परिवार 20 साल से मंडी में व्यापार कर रहा था और उनके पिता हुकुम सिंह के नाम पर आढ़त की लाइसेंस भी थी। लेकिन अब चेतन के जाने के बाद उनका परिवार सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी टूट चुका है।
मंडी में व्यापारियों के बीच गुस्से का माहौल है। आढ़ती इसे प्रशासन की गलत कार्रवाई मान रहे हैं और उन्होंने प्रशासन से न्याय की मांग की है।
मंडी में कार्रवाई का असर
मंडी में अतिक्रमण हटाने के दौरान कई व्यापारियों का सामान बर्बाद हो गया, जिससे उनमें गुस्सा और निराशा है। व्यापारी आरोप लगा रहे हैं कि प्रशासन को उनके नुकसान की कोई चिंता नहीं थी। इस घटना ने व्यापारियों के बीच प्रशासन की नीतियों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या प्रशासन ने मानवता को ध्यान में रखा?
इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन को अपनी कार्रवाई करने से पहले व्यापारियों के साथ बातचीत करनी चाहिए थी? क्या किसी भी कार्रवाई को लागू करते वक्त मानवीय पहलू को ध्यान में रखना जरूरी नहीं था?
मंडी सचिव और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
चेतन के परिवार के लोग और व्यापारियों ने मंडी सचिव और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वे चाहते हैं कि जो भी जिम्मेदार लोग हैं, उन्हें कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।