MP News: मध्य प्रदेश के भिंड जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर पहले तो हंसी आएगी, लेकिन ये भी सोचना पड़ेगा कि आखिर शिकायत की हद होती क्या है। यहां एक ग्रामीण ने सीएम हेल्पलाइन 181 पर सिर्फ इसलिए शिकायत कर दी क्योंकि उसे 15 अगस्त के दिन पंचायत भवन में ध्वजारोहण के बाद लड्डू नहीं मिला था, या कहें दो लड्डू नहीं मिले थे।
कहां और क्या हुआ? (MP News)
घटना भिंड जिले के मछंड क्षेत्र के नौधा गांव की है। यहां 15 अगस्त को हर साल की तरह पंचायत भवन में ध्वजारोहण कार्यक्रम हुआ। गांव के सरपंच, पंचायत सचिव, स्थानीय जनप्रतिनिधि, चपरासी और ग्रामीणों की मौजूदगी में झंडा फहराया गया। इसके बाद वहां लड्डू बांटे जाने लगे, जैसा कि आमतौर पर हर राष्ट्रीय पर्व पर होता है।
जब पंचायत का चपरासी धर्मेंद्र लड्डू बांट रहा था, तभी गांव के ही कमलेश कुशवाहा, जो भवन के बाहर सड़क पर खड़े थे, को एक लड्डू दिया गया। बस यहीं से विवाद शुरू हुआ। कमलेश ने दो लड्डू की मांग की, लेकिन चपरासी ने मना कर दिया।
सीधा फोन हेल्पलाइन पर
कमलेश ने वहीं से तुरंत सीएम हेल्पलाइन 181 पर फोन कर दिया। उन्होंने शिकायत में कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लड्डू नहीं बांटे जा रहे हैं और इस समस्या का समाधान किया जाए।
जब ये शिकायत पंचायत सचिव रवींद्र श्रीवास्तव तक पहुंची तो वो भी चौंक गए। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान लड्डू बांटे गए थे और कमलेश को भी एक लड्डू दिया गया था, लेकिन जब उसने दो मांगे और नहीं दिए गए, तो उसने हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कर दी।
शिकायतें करना आदत है?
सचिव ने आगे बताया कि कमलेश कुशवाहा अक्सर सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें दर्ज कराते रहते हैं। हर विभाग के खिलाफ अब तक वह कई बार शिकायत कर चुके हैं। ऐसे में अब पंचायत भी थोड़ी परेशान हो गई है।
हालांकि मामला बिगड़ न जाए, इसलिए सचिव ने कहा कि वे खुद कमलेश के पास जाकर एक किलो लड्डू लेकर माफी मांगेंगे, ताकि माहौल शांत हो जाए।
कमलेश ने क्या कहा?
जब मीडिया ने कमलेश से बात की तो उनका कहना था कि उन्होंने शिकायत नहीं की थी, बस ये जानकारी लेनी चाही थी कि क्या हर पंचायत में 15 अगस्त पर प्रसाद (लड्डू) बांटना जरूरी होता है या नहीं। लेकिन कॉल को शिकायत के रूप में दर्ज कर लिया गया।
ऐसा पहला मामला नहीं
ये कोई पहला अजीब मामला नहीं है जो भिंड से आया हो। इससे पहले भी एक शख्स ने हैंडपंप खराबी की शिकायत की थी, और जवाब में सीएम हेल्पलाइन के रिकॉर्ड में लिखा गया था – “शिकायतकर्ता का दिमाग खराब है, हैंडपंप इसकी छाती पर गाड़ देना चाहिए।” ऐसे मामलों के चलते भिंड जिले की शिकायतें अक्सर सोशल मीडिया और लोकल चर्चा का हिस्सा बन जाती हैं।