National Overseas Scholarship: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दी जाने वाली स्कॉलरशिप को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब भी कोई दलित, पिछड़ा या आदिवासी छात्र विदेश में पढ़ाई के लिए आवेदन करता है, तब मोदी सरकार को बजट की याद आती है। गांधी ने बताया कि नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप में चयनित 106 छात्रों में से 66 वंचित छात्रों को सिर्फ इसलिए विदेश में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप नहीं दी गई, क्योंकि सरकार के पास “फंड नहीं” था।
स्कॉलरशिप न मिलने पर राहुल गांधी का विरोध– National Overseas Scholarship
राहुल गांधी ने एक अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया कि जब सरकारी योजनाओं की बात आती है, खासकर उन छात्रों की जो समाज के कमजोर वर्ग से आते हैं, तो सरकार के पास पैसे नहीं होते। गांधी ने ट्विटर पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, “जब कोई दलित, पिछड़ा या आदिवासी छात्र विदेश में पढ़ाई करना चाहता है, तो मोदी सरकार को बजट याद आता है। लेकिन मोदी जी की विदेश यात्राओं और प्रचार पर हजारों करोड़ रुपये बेहिचक खर्च किए जाते हैं।”
जब कोई दलित, पिछड़ा या आदिवासी छात्र पढ़ना चाहता है – तभी मोदी सरकार को बजट याद आता है।
National Overseas Scholarship में चयनित 106 में से 66 वंचित छात्रों को सिर्फ इसलिए विदेश में पढ़ने की स्कॉलरशिप नहीं दी गई क्योंकि सरकार के पास “फंड नहीं” है।
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 7, 2025
कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के नेताओं के बच्चों के लिए कहीं भी शिक्षा प्राप्त करने में कोई रुकावट नहीं आती, लेकिन जैसे ही कोई बहुजन छात्र आगे बढ़ने की कोशिश करता है, उसे रोका जाता है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकारी स्कूलों को घटित किया जाता है, छात्रों को बेवजह “Not Found Suitable” कहकर उनके अवसरों को बंद कर दिया जाता है, और कड़ी मेहनत से हासिल स्कॉलरशिप भी छीन ली जाती है। यह सब कुछ “बीजेपी का खुला बहुजन शिक्षा विरोध” है, जिसे राहुल गांधी ने अमानवीय फैसला बताया।
मोदी सरकार पर बहुजन शिक्षा विरोध का आरोप
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि यह वही “मनुवादी सोच” है, जो आज फिर से “एकलव्य का अंगूठा” मांग रही है, जो पिछले समय में एकलव्य के शिक्षा अधिकार को छीनने के रूप में सामने आई थी। उन्होंने जोर दिया कि मोदी सरकार को यह फैसला तुरंत पलटना चाहिए और उन 66 छात्रों को विदेश भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए। गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उनके समर्थक कभी भी बहुजन समुदाय के छात्रों से उनका शिक्षा का मौलिक अधिकार नहीं छिनने देंगे।
नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप का उद्देश्य
राहुल गांधी के इस हमले का संदर्भ नेशनल ओवरसीज स्कॉलरशिप योजना से जुड़ा हुआ है, जो विशेष रूप से अनुसूचित जातियों, विमुक्त घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजातियों, भूमिहीन कृषि मजदूरों और पारंपरिक कारीगरों जैसे हाशिये पर मौजूद समुदायों के कम आय वाले छात्रों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना का उद्देश्य इन वंचित समुदायों के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करना था, ताकि वे भी बेहतर भविष्य की दिशा में कदम बढ़ा सकें।
कांग्रेस ने मोदी सरकार से की अपील
राहुल गांधी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर यह कहा कि इस फैसले से सिर्फ अन्याय नहीं हो रहा है, बल्कि यह बीजेपी की ओर से शिक्षा के मामले में बहुजन समुदाय का खुला विरोध है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में मोदी सरकार को चुप नहीं बैठना चाहिए और इन छात्रों को तुरंत विदेश में अध्ययन करने का अवसर प्रदान करना चाहिए।