Navjot Singh death: राजधानी दिल्ली के धौला कुआं इलाके में शनिवार की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में कार्यरत डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की जान चली गई। यह हादसा मेट्रो पिलर नंबर 57 के पास हुआ, जब नवजोत सिंह अपनी पत्नी के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर बंगला साहिब गुरुद्वारे से लौट रहे थे। उनकी पत्नी फिलहाल गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।
क्या हुआ हादसे के वक्त? Navjot Singh death
घटना की जानकारी देने वाले चश्मदीदों के मुताबिक, जिस वक्त नवजोत सिंह और उनकी पत्नी धौला कुआं के पास से गुजर रहे थे, उस समय एक तेज़ रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने उनकी बाइक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। बताया जा रहा है कि कार एक महिला चला रही थी और उसके साथ उसका पति भी मौजूद था। टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक पहले डिवाइडर से टकराई और फिर सामने से आ रही बस से जा भिड़ी। इससे नवजोत सिंह और उनकी पत्नी सड़क पर गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए।
अस्पताल पहुंचाने पर उठे सवाल
हादसे के बाद कहा जा रहा है कि बीएमडब्ल्यू में सवार दंपति ने घायलों की मदद के लिए कैब बुलाई और उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे। हालांकि नवजोत सिंह को बचाया नहीं जा सका। इस मामले में परिवार की ओर से सवाल उठाए गए हैं कि उन्हें नजदीकी अस्पताल की बजाय 17 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर स्थित न्यूलाईफ अस्पताल क्यों ले जाया गया। अगर उन्हें पास के किसी अस्पताल में ले जाया गया होता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी। वहीं, उनकी पत्नी की हालत भी अब तक नाजुक बनी हुई है और डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने हादसे के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए बीएमडब्ल्यू कार को जब्त कर लिया है। घटनास्थल पर क्राइम टीम और एफएसएल की टीम ने पहुंचकर जरूरी साक्ष्य जुटाए हैं। प्रारंभिक जांच के अनुसार, हादसे के समय कार चला रही महिला और उसका पति दोनों गुरुग्राम के निवासी हैं और वे भी हादसे में घायल हुए हैं। फिलहाल वे भी अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और मौके पर मौजूद गवाहों के बयानों के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है।
कौन थे नवजोत सिंह?
नवजोत सिंह दिल्ली के हरि नगर इलाके के निवासी थे और वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर तैनात थे। एक वरिष्ठ अधिकारी के अचानक इस तरह सड़क हादसे में मारे जाने से सरकारी महकमे में भी शोक की लहर है।
सड़क सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
यह हादसा न सिर्फ एक अधिकारी की जान लेने वाला बन गया, बल्कि दिल्ली की सड़कों पर चल रही तेज रफ्तार और लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर गया। राजधानी में हर दिन हो रहे सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे यह साफ है कि ट्रैफिक नियमों का पालन कराने और सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की सख्त जरूरत है।
और पढ़ें: Mumbai Congress News: 3472 करोड़ की डील से भड़की कांग्रेस, बोली- हमारी जमीन RBI को कैसे दी गई?