Who is Navneet Sehgal: रिटायर्ड IAS अधिकारी नवनीत सहगल ने प्रसार भारती के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्हें यह जिम्मेदारी पिछले साल मार्च में मिली थी, लेकिन तीन साल के कार्यकाल से पहले ही उन्होंने 2 दिसंबर को पद छोड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक IT मंत्रालय ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है। सहगल 1988 बैच के यूपी कैडर के अधिकारी रहे हैं और प्रशासन में उनका लगभग 35 साल का अनुभव माना जाता है।
एक पुराने इंटरव्यू में सहगल ने बताया था कि वे मूल रूप से चार्टर्ड अकाउंटेंट थे, लेकिन लोगों के बीच काम करने और सामाजिक बदलाव का हिस्सा बनने की इच्छा ने उन्हें पब्लिक सर्विस की ओर खींचा। उनके करियर का बड़ा हिस्सा पॉलिटिकल और मीडिया मैनेजमेंट से जुड़ा माना जाता है।
मायावती-अखिलेश-योगी, तीनों सरकारों में अहम भूमिकाएँ (Who is Navneet Sehgal)
नवनीत सहगल ने यूपी की तीनों बड़ी सरकारों मायावती, अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के साथ काम किया है। वर्ष 2007 में मायावती सरकार आने के बाद उन्हें सीएम सचिवालय में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ मिलीं और वे एक साथ 12 विभाग संभालते थे। 2002 में मायावती की तीसरी पारी में वे वाराणसी से लखनऊ के डीएम भी बनाए गए थे, हालांकि कुछ महीनों बाद उनका ट्रांसफर हो गया था। बसपा सरकार में वे हमेशा प्रभावी अधिकारी माने जाते थे।
प्रसार भारती के चेयरमैन नवनीत सहगल से अचानक इस्तीफा लिया गया।
इस्तीफे से बड़ी खबर इस्तीफा देने का कारण है।इससे पहले की अंदर की जानकारी आये, ये बताना जरूरी कि सहगल यूपी के असरदार IAS अफसर रहे और BJP की एक लॉबी के बेहद करीब माने जाते हैं ।
लगता है कई जगह तलवार चलने जा रही है। pic.twitter.com/HMJNKDIWff— Deepak Sharma (@DeepakSEditor) December 3, 2025
2012 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें प्रमुख पदों से हटाकर धार्मिक मामलों के विभाग में भेज दिया गया, जिसे उस समय ‘पनीशमेंट पोस्टिंग’ कहा गया। लेकिन 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद उन्हें दोबारा सूचना विभाग की कमान सौंप दी गई। सहगल UPEIDA के CEO भी रहे और उन्होंने अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ–आगरा एक्सप्रेसवे को जमीन पर उतारने में अहम भूमिका निभाई।
योगी सरकार का PR संभालकर की बड़ी वापसी
मार्च 2017 में योगी सरकार बनने पर सहगल को कुछ समय के लिए वेटिंग में भेज दिया गया था। लेकिन हाथरस केस और कोविड-19 संकट के दौरान उनकी वापसी हुई। कठिन हालात में उन्होंने यूपी सरकार की छवि सुधारने और मीडिया मैनेजमेंट को मजबूत करने में अहम काम किया। उन्होंने 2018 इन्वेस्टर्स समिट और 2023 ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दौरान योगी सरकार के प्रमोशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बड़े उद्योगपतियों से मिलने से लेकर आयोजन की रणनीति तैयार करने तक, पूरा जिम्मा सहगल ने खुद संभाला।
प्रसार भारती में बदलावों की पहल, ‘WAVES’ OTT लॉन्च
रिटायरमेंट के बाद केंद्र ने 2024 में उन्हें प्रसार भारती का चेयरमैन बनाया। इस दौरान उन्होंने कई बदलाव शुरू किए। डीडी फ्री डिश की पहुंच बढ़ाने के साथ नवंबर 2024 में उन्होंने प्रसार भारती का OTT प्लेटफॉर्म ‘WAVES’ लॉन्च करवाया। लॉन्चिंग के समय उनका कहना था कि इस प्लेटफॉर्म पर दूरदर्शन के लोकप्रिय नाटक, रामायण, महाभारत और प्रसार भारती के सभी चैनल बिल्कुल फ्री उपलब्ध होंगे।
परिवारिक समारोह में दिखी राजनीतिक एकजुटता
हाल ही में लखनऊ में उनके बेटे शिव सहगल की शादी हुई, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, अखिलेश यादव, सतीश महाना, सूर्य प्रताप शाही और बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा जैसे बड़े नेताओं की मौजूदगी ने यह साफ कर दिया कि सहगल की प्रशासनिक यात्रा सभी दलों के बीच भरोसे का चेहरा रही है।
फिलहाल मंत्रालय के आदेश के बाद वे औपचारिक रूप से प्रसार भारती के चेयरमैन पद से मुक्त हो चुके हैं, लेकिन उनके आगे की भूमिका पर सभी की नजरें टिकी हैं।









