New Guidelines for Cab Fare: आपकी अगली कैब राइड पहले से ज्यादा महंगी पड़ सकती है, क्योंकि केंद्र सरकार ने राइड-हेलिंग कंपनियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन नए नियमों के तहत ओला, उबर, इनड्राइव या रैपिडो जैसी कंपनियां अब पीक ऑवर के दौरान ज्यादा किराया ले सकेंगी। यह नया नियम यात्रियों की जेब पर सीधा असर डालने वाला है, क्योंकि अब से पीक टाइम में इन कंपनियों को बेस फेयर का दो गुना तक किराया वसूलने की अनुमति दी जाएगी, जो पहले 1.5 गुना था।
किराया वसूली की सीमा बढ़ाई गई- New Guidelines for Cab Fare
सड़क परिवहन मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के अनुसार, पीक टाइम में अब राइड-हेलिंग कंपनियां यात्री से अधिकतम किराया वसूल सकती हैं। मंत्रालय ने यह निर्णय यात्रियों की सुविधा और कैब ऑपरेटरों के लिए अधिक लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए लिया है। इससे जहां यात्रियों को पीक ऑवर में ज्यादा खर्च करना पड़ेगा, वहीं कंपनियों को अपने ऑपरेशन को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा स्पेस मिलेगा।
During the non-rush hours, ride-hailing firms, such as Ola and Uber, cannot charge less than 50%.
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— Storyboard18 (@BrandStoryboard) July 2, 2025
वहीं, नॉन-पीक टाइम में भी नए किराया ढांचे के तहत न्यूनतम किराया बेस फेयर का 50% तय किया गया है। इस नियम के लागू होने से आम आदमी को जहां ज्यादा भुगतान करना होगा, वहीं कैब कंपनियों को भी उनके ऑपरेशंस को और बेहतर करने का अवसर मिलेगा। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को तीन महीने के भीतर इन नए दिशानिर्देशों को लागू करने का निर्देश दिया है।
नए सुरक्षा और ड्राइवरों के हितों के लिए दिशा-निर्देश
इसके अलावा, नई गाइडलाइंस में यात्रियों की सुरक्षा और ड्राइवरों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई अहम बदलाव किए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब से ड्राइवरों पर राइड कैंसिल करने का जुर्माना लगाया जाएगा। अगर कोई ड्राइवर बिना उचित कारण के राइड रद्द करता है, तो उसे कुल किराए का 10% तक जुर्माना देना होगा, जिसकी अधिकतम सीमा ₹100 होगी। इसी तरह, यात्रियों को भी बिना ठोस कारण के बुकिंग कैंसिल करने पर जुर्माना भरना होगा।
ड्राइवरों के लिए बीमा और ट्रेनिंग
सरकार ने ड्राइवरों के लिए भी नए नियम जारी किए हैं, जिसके तहत सभी ड्राइवरों को ₹5 लाख का स्वास्थ्य बीमा और ₹10 लाख का टर्म इंश्योरेंस प्रदान करना अनिवार्य होगा। इस कदम से राइड के दौरान ड्राइवरों को सुरक्षा मिल सकेगी। इसके साथ ही, ड्राइवरों के लिए साल में एक बार रिफ्रेशर ट्रेनिंग लेना भी जरूरी होगा। अगर कोई ड्राइवर हर तिमाही में ट्रेनिंग नहीं लेता है तो उसे सेवा से निलंबित किया जा सकता है।
नए ट्रैकिंग डिवाइस और सुरक्षा
नए नियमों के तहत, सभी टैक्सियों और बाइक टैक्सी में ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) लगाने का भी आदेश दिया गया है। इस डिवाइस से वाहन का रियल-टाइम डेटा न केवल कैब एग्रीगेटर के सर्वर से जुड़ा होगा, बल्कि राज्य सरकार के नियंत्रण केंद्र से भी जुड़ा रहेगा, जिससे सुरक्षा में सुधार होगा और हर वाहन की निगरानी की जा सकेगी।
नॉन कमर्शियल बाइक्स को राइड-हेलिंग में शामिल करने की अनुमति
मंत्रालय द्वारा जारी की गई मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 के तहत राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया गया है कि वे नॉन-कमर्शियल मोटरसाइकिलों को भी राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म्स पर शामिल करने की अनुमति दे सकती हैं। इसका मतलब है कि अब ओला, उबर और रैपिडो जैसे प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से लोग निजी बाइकों से भी राइड ले सकेंगे, बशर्ते राज्य सरकार इसे मंजूरी दे। यह कदम खास तौर पर उन क्षेत्रों में सहायक साबित होगा, जहां सार्वजनिक परिवहन की कमी है और छोटी दूरी की यात्रा के लिए बाइक टैक्सी एक अच्छा विकल्प हो सकती है।