Nexa Evergreen Scam: राजस्थान में अब तक का सबसे बड़ा निवेश घोटाला सामने आया है, जिसमें नेक्सा एवरग्रीन कंपनी के द्वारा करीब 70,000 लोगों से 2700 करोड़ रुपये की ठगी की गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 25 स्थानों पर छापेमारी की और कई अहम दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और नकदी जब्त की। इस घोटाले के मास्टरमाइंड सुभाष बिजारणियां और रणवीर बिजारणियां ने निवेशकों को मोटा मुनाफा देने का वादा किया था, लेकिन बाद में वे फरार हो गए।
ईडी का तलाशी अभियान- Nexa Evergreen Scam
ईडी ने इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झुंझुनूं, सीकर, जयपुर और अहमदाबाद के 25 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान कुल 2.04 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। इसके अलावा, बैंक और क्रिप्टो खातों में जमा 15 करोड़ रुपये भी फ्रीज कर दिए गए। ईडी ने इस दौरान कई डिजिटल डिवाइस, हार्ड ड्राइव्स और आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए हैं, जो इस घोटाले की जांच में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
घोटाले का तरीका
नेक्सा एवरग्रीन कंपनी ने लोगों को धोलेरा स्मार्ट सिटी में निवेश करने का लालच दिया, जिसे भारत की पहली ग्रीनफील्ड सिटी के रूप में प्रचारित किया गया था। कंपनी ने हर मंगलवार को मोटा मुनाफा देने का वादा किया, जिससे बड़ी संख्या में निवेशक इस योजना में फंस गए। विश्वास जीतने के लिए, कंपनी ने सेवानिवृत्त फौजियों को अपने कार्यालयों में काम करने के लिए नियुक्त किया था। इस तरह, सुभाष और रणवीर बिजारणियां ने निवेशकों को बड़े-बड़े सपने दिखाए और उनसे लाखों-करोड़ों रुपये निवेश करवाए।
कंपनी के शेल ऑपरेशन
नेक्सा एवरग्रीन के संचालकों ने 15 से अधिक शेल कंपनियां बनाई और अपने एजेंट्स को मोटा कमीशन दिया। इन एजेंट्स ने सरकारी कर्मचारियों, पुलिसवालों और रिटायर्ड फौजियों से बड़ी मात्रा में पैसे इकट्ठे किए। कंपनी ने धोलेरा स्मार्ट सिटी में निवेश के नाम पर करीब 2700 करोड़ रुपये की ठगी की। हालांकि, 24 जनवरी 2023 के बाद से कंपनी ने कोई भुगतान नहीं किया, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। इस बारे में कई केस दर्ज किए गए हैं।
सुभाष और रणवीर बिजारणियां के खिलाफ कार्रवाई
सुभाष और रणवीर बिजारणियां इस घोटाले के मास्टरमाइंड हैं। दोनों की पहचान सीकर जिले के पनलावा गांव से जुड़ी हुई है। इन दोनों ने धोलेरा स्मार्ट सिटी के नाम पर इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया। ईडी और अन्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बाद यह मामला और भी बड़ा रूप ले चुका है।
निवेशकों को हुआ भारी नुकसान
नेक्सा एवरग्रीन कंपनी द्वारा किए गए वादों के कारण, हजारों निवेशक इस घोटाले का शिकार हुए। कंपनी ने हर मंगलवार को निवेशकों को मुनाफे का वादा किया था, लेकिन एक दिन अचानक भुगतान बंद हो गया। इससे निवेशकों के बीच खलबली मच गई, और उन्होंने अपनी जमा पूंजी के बारे में सवाल उठाए। इसके बाद कई शिकायतें दर्ज की गईं और जांच शुरू की गई।
ईडी की कार्रवाई से बड़ा खुलासा
ईडी ने जब छापेमारी की, तो उसे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और वित्तीय रिकॉर्ड मिले, जो घोटाले की गहरी साजिश को उजागर करते हैं। हालांकि, घोटाले की पूरी रकम के मुकाबले जब्त की गई रकम अभी भी बहुत कम है। इसके बावजूद, ईडी की कार्रवाई ने इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरुआत की है।