Noida fake paneer seized: उत्तर प्रदेश के नोएडा में थाना सेक्टर-63 पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अलीगढ़ जिले में चल रही नकली पनीर बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 14 क्विंटल नकली पनीर, पनीर बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री और मशीनरी बरामद की गई है। इस फैक्ट्री के जरिए एनसीआर क्षेत्र में नकली पनीर की आपूर्ति की जा रही थी, जिससे बड़े पैमाने पर खाद्य सुरक्षा से संबंधित खतरा पैदा हो गया था।
घटना का खुलासा और गिरफ्तारी- Noida fake paneer seized
यह घटना रविवार सुबह एफएनजी रोड पर हुई चेकिंग के दौरान सामने आई। पुलिस की टीम ने महिंद्रा पिकअप वाहन को रोककर उसकी तलाशी ली, जिसमें पनीर रखा हुआ था। शक होने पर वाहन में सवार गुलफाम से पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि पनीर नकली है और यह अलीगढ़ में बनाया जाता है। पुलिस ने गुलफाम की सूचना पर अलीगढ़ में छापेमारी की और वहां से तीन अन्य आरोपियों, गुड्डू उर्फ हरीश, नावेद और इकलाख को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने फैक्ट्री से पनीर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी बरामद की, जिसमें 25-25 किलो पाउडर की दो बोरियां, केमिकल, रिफाइंड, पाम ऑयल, मिक्स ग्राइंडर और रंग देने के लिए पोस्टर कलर जैसी सामग्री शामिल थी। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने इन मिलावटी सामग्री का इस्तेमाल कर पनीर तैयार किया और उसे असली पनीर बताकर बाजार में बेचा।
नकली पनीर का कारोबार और इसकी आपूर्ति
पुलिस जांच में यह सामने आया कि आरोपियों का यह गोरखधंधा पिछले छह महीनों से चल रहा था। ये लोग अलीगढ़ में नकली पनीर बनाकर उसे दिल्ली, नोएडा और एनसीआर के विभिन्न शहरों में सप्लाई कर रहे थे। बताया जा रहा है कि ये लोग दुकानदारों को धोखा देकर पनीर को 180 से 220 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचते थे, जबकि असल में पनीर के नाम पर रिफाइंड, केमिकल और रंग मिलाकर तैयार किया गया मिश्रण था। इस पूरी प्रक्रिया में पामोलीन तेल और पोस्टर कलर का इस्तेमाल किया जा रहा था, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। सर्फाबाद, ममूरा, सोरखा, छिजारसी जैसे इलाकों में यह नकली पनीर आमतौर पर बिकता था, जिससे दुकानदारों और ग्राहकों दोनों को ठगा जा रहा था।
खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच
डीसीपी सेन्ट्रल नोएडा, शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार, पुलिस ने आरोपियों से बरामद किए गए पनीर और अन्य सामग्री के सैंपल खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग को भेजे हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि पामोलीन ऑयल और पोस्टर कलर का इस्तेमाल मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इस मामले में जांच के बाद, समुचित कार्रवाई की जाएगी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
मिलावटी खाद्य पदार्थों की बढ़ती समस्या
यह पहला मामला नहीं है जब उत्तर प्रदेश में नकली पनीर और दूध की फैक्ट्रियां पकड़ी गई हैं। इससे पहले भी राज्य के विभिन्न शहरों में इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस बार के मामले में जांच से यह साफ हो रहा है कि यह सिंडिकेट और भी बड़ा हो सकता है। इसके चलते खाद्य सुरक्षा से संबंधित खतरे को लेकर प्रशासन को और सतर्क रहने की आवश्यकता है।