Northeast Weather Update: भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इस समय भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया है। खासतौर पर सिक्किम में मूसलाधार बारिश ने बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है। मंगन जिले के दूरदराज इलाकों लाचेन और लाचुंग में सैकड़ों घरेलू पर्यटक और दो विदेशी नागरिक फंसे हुए हैं। लगातार हो रही बारिश और तीस्ता नदी के उफान के कारण बचाव अभियान में काफी बाधाएं आ रही हैं।
सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन का कहर- Northeast Weather Update
मंगन जिले में लगातार तीसरे दिन भारी बारिश बनी हुई है, जिससे लगभग 1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं। बारिश के कारण दो पुल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे आवाजाही पर बड़ा असर पड़ा है। पूर्वी सिक्किम के नीमचेन प्रेमलखा के पास भी भूस्खलन हुआ है। यात्रियों को सतर्क रहने और सुरक्षित यात्रा के लिए कहा गया है।
लाचेन में करीब 112 और लाचुंग में 1,350 पर्यटक फंसे हैं। सीमा सड़क संगठन (BRO) ने थेंग सुरंग से चुंगथांग तक रास्ते खोलने के लिए भारी मशीनरी तैनात की है। भूस्खलन ने थेंग में सड़क को बाधित किया था, लेकिन अब कुछ हिस्सों को साफ कर दिया गया है। हालांकि, कुछ बड़े पत्थर अभी भी हटाए जाने बाकी हैं।
तीस्ता नदी के तेज बहाव ने द्ज़ोंगू इलाके के फ़िदांग पुल को नुकसान पहुंचाया है। नदी के जल प्रवाह से पुल की आधारशिला कमजोर हुई है, जिससे पुल की स्थिरता पर खतरा मंडरा रहा है। मंगन को चुंगथांग से जोड़ने वाला संगकालांग बेली ब्रिज भी क्षतिग्रस्त हो गया है और अब यह सार्वजनिक उपयोग के लिए सुरक्षित नहीं है।
कांग्रेस की राहत कार्यों में तेजी की अपील
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान को दुखद बताया है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की है कि राहत एवं बचाव कार्यों को तेज किया जाए ताकि प्रभावित लोगों को कम से कम परेशानी हो। प्रियंका गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी प्रभावितों की मदद करने का अनुरोध किया है।
त्रिपुरा में भारी जलभराव और एक मौत
त्रिपुरा में भी भारी बारिश के चलते जलभराव हो गया है। राजधानी अगरतला में महज तीन घंटे में लगभग 200 मिमी बारिश दर्ज हुई। निचले इलाकों में पानी भर जाने से जनजीवन प्रभावित हुआ। एक व्यक्ति की मैनहोल में गिरने से मौत हो गई। पिछले 24 घंटों में पश्चिम त्रिपुरा, उनाकोटी और उत्तरी त्रिपुरा जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी रही। राज्य भर में 2,800 परिवारों के 10,600 सदस्यों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है।
मणिपुर में बाढ़ और भूस्खलन का प्रकोप
मणिपुर में भी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन ने 3,802 लोगों को प्रभावित किया है और 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इंफाल के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। ऑल इंडिया रेडियो इंफाल कॉम्प्लेक्स और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान के परिसर में पानी भर गया है, जिससे मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा।
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया। सेना और असम राइफल्स के जवानों ने भी बाढ़ से प्रभावित लगभग 800 लोगों को सुरक्षित निकाला है। मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष ने राज्य सरकार पर बाढ़ नियंत्रण में विफलता का आरोप लगाया है।
नागालैंड में सड़क धंसने की समस्या
नागालैंड के कोहिमा-माओ मार्ग पर लगातार बारिश के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर सड़क करीब 4 फीट धंस गई है, जिससे मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। कोहिमा के डिप्टी कमिश्नर ने यात्रा प्रतिबंध लगाकर लोगों को सुरक्षा के प्रति सावधान रहने को कहा है। भारी वाहनों को अन्य मार्गों से गुजरने के निर्देश दिए गए हैं।
असम में भूस्खलन और बाढ़ से मौतें
असम के गुवाहाटी में हालिया भूस्खलन में तीन परिवार के सदस्यों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रभावित इलाकों के लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। राज्य में सिलचर, करीमगंज और हैलाकांडी में भारी बारिश दर्ज की गई है, जिससे नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ा है।
गुवाहाटी जिले में पिछले दो दिनों में आठ लोगों की मौत हुई है। असम के मंत्री जयंत मल्लाबारुआ ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
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