Odisha News: सरकारी नौकरी करने वाले एक सामान्य कर्मचारी की आमदनी कितनी हो सकती है? ज़्यादातर लोग यही सोचते हैं कि एक ईमानदार कर्मचारी महीने के आखिर में तनख्वाह का हिसाब-किताब ही करता है। लेकिन ओडिशा में एक मोटर वाहन निरीक्षक (MVI) के यहां जब विजिलेंस विभाग की टीम पहुंची, तो जो खुलासे हुए, उसने सबको हैरान कर दिया।
दरअसल बौध जिले में तैनात MVI गोलाप चंद्र हांसदा के पास इतनी ज़मीन, गहने और बैंक बैलेंस निकला कि अब हर कोई यही पूछ रहा है कि क्या ये सब एक सरकारी सैलरी से मुमकिन है?
छापेमारी में मिला बेशुमार खजाना- Odisha News
विजिलेंस विभाग ने गोपनीय शिकायत के आधार पर हांसदा के छह ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। जांच में जो संपत्ति सामने आई, उसने अफसरों के होश उड़ा दिए। खबरों के मुताबिक:
- 44 प्लॉट — जिनमें से 43 सिर्फ बारिपदा और आसपास के इलाके में
- 1 किलो सोना
- 2.126 किलो चांदी
- 1.34 करोड़ रुपये से ज्यादा की बैंक डिपॉजिट
- 2.38 लाख रुपये कैश
- और एक डायरी, जिसमें बेनामी संपत्तियों के लेन-देन का पूरा हिसाब
इतना ही नहीं, डायरी में यह भी लिखा था कि हांसदा ने अपनी बेटी की मेडिकल पढ़ाई पर 40 लाख रुपये खर्च किए हैं।
1991 से सरकारी सेवा में, लेकिन 44 प्लॉट?
मिली जानकाररी के मुताबिक, गोलाप चंद्र हांसदा ने 1991 में सरकारी नौकरी शुरू की थी। शुरुआत में वो जिला उद्योग केंद्र (DIC) में थे, फिर 2003 में जूनियर MVI बने। 2020 में उन्हें प्रमोट कर बौध जिले में MVI बना दिया गया। उनकी मासिक सैलरी करीब ₹1.08 लाख है, यानी सालभर में करीब ₹13 लाख की आय।
तो फिर सवाल यही है — इतनी आमदनी में 1.49 करोड़ की जमीन, कीमती मकान और करोड़ों की बैंक राशि कहां से आई?
प्लॉट और प्रॉपर्टी की जांच जारी
विजिलेंस की तकनीकी टीम अब एक-एक प्रॉपर्टी की माप, मार्केट वैल्यू और रजिस्ट्रेशन डिटेल्स चेक कर रही है। जो 44 प्लॉट सामने आए हैं, उनमें से सिर्फ एक बालासोर के पास है, बाकी सभी बारिपदा में हैं। टीम का मानना है कि इनकी असली कीमत रजिस्ट्री वैल्यू से कई गुना ज़्यादा हो सकती है।
हांसदा के पास एक 3300 वर्गफुट का दोमंजिला घर भी मिला है, जिसकी सजावट और भव्यता देखकर लगता है कि इसमें लाखों खर्च किए गए होंगे।
डायरी ने खोले कई राज
छापे में मिली डायरी को इस पूरे मामले का ‘सबसे अहम सबूत’ माना जा रहा है। इसमें संपत्ति खरीद, लेन-देन की तारीखें और रकम दर्ज हैं — और कई ऐसे नाम हैं जिनसे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि संपत्तियां बेनामी के नाम से खरीदी गई हैं।
विभाग अब हांसदा के रिश्तेदारों और पत्नी के खातों की भी जांच कर रहा है, जिससे पता चले कि पैसे का लेन-देन किन-किन के जरिए हुआ।
क्या हो सकती है सज़ा?
अगर जांच में हांसदा पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप सिद्ध होता है, तो उन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जा सकता है। इसके तहत:
- संपत्ति जब्त हो सकती है
- निलंबन या सेवा से बर्खास्तगी संभव है
- और अगर अदालत दोषी ठहराए, तो जेल की सजा भी हो सकती है
विजिलेंस विभाग ने फिलहाल कहा है कि यह जांच का शुरुआती चरण है, और आने वाले दिनों में और भी संपत्तियों का खुलासा हो सकता है।
अब लोगों के बीच यही चर्चा है कि अगर एक MVI इतनी संपत्ति जोड़ सकता है, तो बाकियों की जांच कब होगी? और क्या इस बार सच में कार्रवाई होगी — या मामला फिर धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला जाएगा?