Operation Sindoor Briefing: भारत ने मंगलवार रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन सिंदूर” का नाम दिया गया, जो भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त प्रयास से सफलतापूर्वक पूरा हुआ। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें भारतीय और विदेशी नागरिकों की जान गई थी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विवरण- Operation Sindoor Briefing
इस ऑपरेशन को मंगलवार रात एक बजकर पांच मिनट से एक बजकर 30 मिनट के बीच अंजाम दिया गया। भारतीय सेना के मुताबिक, इस स्ट्राइक में पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर और पीओके में पांच, जबकि पाकिस्तान में चार आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस ऑपरेशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कर्नल सोफिया ने बताया कि मुजफ्फराबाद में लश्कर-ए-तैयबा का शवाई नाला कैंप, जो कि पिछले हमलों से जुड़ा हुआ था, को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा, पीओके के सैयदना बिलाल कैंप, जो जैश-ए-मोहम्मद का प्रशिक्षण केंद्र था, को भी ध्वस्त किया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि नियंत्रण रेखा (LoC) के करीब स्थित अन्य महत्वपूर्ण आतंकवादी ठिकानों को भी निशाना बनाया गया। इनमें कोटली और गुलपुर जैसे इलाके शामिल थे, जहां लश्कर और जैश के आतंकवादी सक्रिय थे। इन ठिकानों को लक्ष्य बनाते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके के आतंकी नेटवर्क को नष्ट करने का लक्ष्य रखा था।
आतंकी हमलों की न्यायसंगत प्रतिक्रिया
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी स्पष्ट किया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया। इस हमले में 25 भारतीयों और एक विदेशी नागरिक की मौत हो गई थी, जो आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर की गई बर्बरता का परिणाम था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह हमला आतंकवादियों के लंबे समय से चले आ रहे पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के ट्रैक रिकॉर्ड से जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि इस हमले का उद्देश्य कश्मीर में सामान्य स्थिति को बिगाड़ना और भारत की शांति-प्रयासों को नष्ट करना था।
पाकिस्तान की निंदा और भारत का अधिकार
विक्रम मिस्री ने आगे कहा, “यह हमला पाकिस्तान के उन आतंकवादी समूहों की योजना का हिस्सा था जो भारत में आतंक फैलाने के लिए काम कर रहे हैं। पाकिस्तान दुनियाभर में आतंकियों का आश्रय देने वाले देश के रूप में पहचाना जाता है, और वहां आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।” उन्होंने उदाहरण के तौर पर साजिद मीर का उल्लेख किया, जो पाकिस्तान में मृत घोषित होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद जीवित पाया गया।
भारत ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए यह कार्रवाई की, ताकि सीमा पार से आतंकियों को भेजे जाने वाले हमलों को रोका जा सके। विदेश सचिव ने यह भी बताया कि भारत ने इस कार्रवाई को बिना उकसावे के और पूरी रणनीति के तहत किया है, ताकि नागरिकों और रिहाइशी क्षेत्रों को नुकसान न पहुंचे। यह सुनिश्चित किया गया कि आतंकवादियों के प्रशिक्षण केंद्रों को निशाना बनाया जाए, जिससे आतंकवादियों की क्षमता को नष्ट किया जा सके।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का आतंकवाद को बढ़ावा देने का मुद्दा
भारत ने अपनी कार्रवाइयों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दृष्टिकोण में भी रखा, जिसने पाकिस्तान के प्रायोजित आतंकवाद को बंद करने की आवश्यकता पर जोर दिया था। भारत के इस ऑपरेशन को सुरक्षा परिषद द्वारा दिया गया समर्थन बताया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा गया कि भारत की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकेत है और इसे आतंकवादियों और उनके संरक्षकों के खिलाफ एक कड़ा संदेश माना जाना चाहिए।