Operation Sindoor Facts: भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब दिया। 6 मई की रात से शुरू हुआ यह चार दिन का टकराव 10 मई को पाकिस्तान द्वारा सीजफायर की अपील के साथ समाप्त हुआ, लेकिन इस दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को ऐसी क्षति पहुंचाई कि उसकी सैन्य रणनीति ही लड़खड़ा गई। पाकिस्तान को इस ऑपरेशन में किस हद तक नुकसान हुआ, यह अब पूरी डिटेल के साथ सामने आ चुका है।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान की वायुसेना पर प्रहार- Operation Sindoor Facts
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत चार दिनों में पाकिस्तान की वायुसेना और सैन्य प्रतिष्ठानों पर जबरदस्त हमला किया। भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के कम से कम 6 प्रमुख फाइटर जेट्स को हवा में ही मार गिराया। यह विमान पाकिस्तान एयर फोर्स (PAF) के प्रमुख लड़ाकू विमान थे, जिन्हें भारतीय मिसाइल डिफेंस सिस्टम और रडार ट्रैकिंग के चलते अपनी उड़ान पूरी करने का मौका नहीं मिला। भारतीय वायुसेना के द्वारा रडार इमेज और ट्रैकिंग लॉग्स के अनुसार, इन विमानों को सटीक निशाना बनाकर सरफेस-टू-एयर और एयर-टू-एयर इंटरसेप्टर मिसाइलों से गिराया गया।
एक वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी ने ANI को बताया कि इनमें से कई जेट पाकिस्तान के जवाबी हमले का हिस्सा बनने आए थे, लेकिन वे अपने बेस पर लौटने में असफल रहे।
भारतीय वायुसेना ने चलाईं 20 से अधिक एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइलें
इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जो बेहद उच्च सटीकता के साथ लक्ष्यों को भेदने के लिए प्रसिद्ध हैं। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के विभिन्न एयरबेस, सैन्य नियंत्रण केंद्रों और प्रतिष्ठानों पर 20 से अधिक एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइलें दागीं। खास बात यह है कि इस दौरान कोई भी Surface-to-Surface मिसाइल, जैसे कि BrahMos, का इस्तेमाल नहीं किया गया। सभी हमले रात के समय किए गए, जिससे पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई की क्षमता कम हो गई।
प्रमुख लक्ष्य और नुकसान
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण सैन्य लक्ष्य को तबाह किया। इनमें प्रमुख थे:
- भोलारी एयरबेस: जहां स्वीडन निर्मित AEWC (Airborne Early Warning & Control) विमान पूरी तरह से तबाह हो गया।
- C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट: जो पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में ड्रोन स्ट्राइक में मारा गया।
- UCAVs (Unmanned Combat Aerial Vehicles): जिनमें चीन के Wing Loong सीरीज के ड्रोन शामिल थे, जो लंबी दूरी तक निगरानी और हमले में सक्षम थे। 10 से अधिक UCAVs को नष्ट किया गया।
- पाकिस्तानी क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें: जिनका हवा में इंटरसेप्ट कर नष्ट किया गया।
सटीकता और गोपनीयता से किया गया हमला
भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन को अत्यधिक गोपनीयता और सटीकता के साथ अंजाम दिया। ऑपरेशन में Rafale और Su-30 जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट्स शामिल थे। हमले से पहले सैटेलाइट निगरानी, सिग्नल इंटेलिजेंस और ड्रोन सर्विलांस के जरिए डाटा जुटाया गया, और फिर मिसाइलों को इस तरह दागा गया कि पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली को जवाब देने का कोई मौका नहीं मिला।
पाकिस्तान की घबराहट और सीजफायर
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने कई एयरबेस पर मलबा हटाने से भी परहेज किया ताकि उसकी सैन्य क्षति की वास्तविकता दुनिया के सामने न आए। कई एयरबेस पर एंट्री रोक दी गई और मीडिया को रिपोर्टिंग से दूर रखा गया। अंततः पाकिस्तान को 10 मई को सीजफायर की अपील करनी पड़ी, जिसे भारत ने स्वीकार किया, लेकिन सख्त संदेश के साथ।
‘सुदर्शन स्ट्राइक’ का महत्व
ऑपरेशन सिंदूर में एक खास पहलू था ‘सुदर्शन स्ट्राइक’, जिसमें भारतीय वायुसेना ने करीब 300 किमी दूर से एक हाई वैल्यू टारगेट को निशाना बनाया। यह टारगेट या तो इलेक्ट्रॉनिक काउंटर एयरक्राफ्ट था या एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग सिस्टम, जिसे भारत की मिसाइल ने लंबी दूरी से खत्म किया। इस स्ट्राइक को भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए सबसे प्रभावी हमलों में से एक माना जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय वायुसेना की रणनीतिक क्षमता और तकनीकी शक्ति को दुनिया के सामने पेश किया, और इसने भविष्य के लिए सेना की रणनीतिक योजना को भी मजबूत किया।