Pak spy Sejal Kapoor: भारत के इतिहास में कई बार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की जासूसी कोशिशों का खुलासा हुआ है, लेकिन कुछ ऑपरेशन इतने शातिर और हाई-टेक रहे कि आज भी लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला था ‘हनीट्रैप कांड’, जिसमें एक पाकिस्तानी महिला जासूस ने अपने डिजिटल हुस्न के जाल में भारत के 98 बड़े अधिकारियों को फंसा लिया था। यह महिला खुद को भारतीय लड़की “सेजल कपूर” बताती थी, लेकिन असल में वह पाकिस्तान में बैठी एक प्रशिक्षित साइबर स्पाई थी।
फेसबुक से शुरू होता था खेल- Pak spy Sejal Kapoor
यह मामला साल 2015 से 2018 के बीच का है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़ी इस महिला ने ‘सेजल कपूर’ नाम से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई थी। तस्वीरें भारतीय मॉडल्स की होती थीं और प्रोफाइल देखकर कोई भी कह देता कि यह कोई आम लड़की है। सेजल खुद को डिफेंस रिसर्च या मीडिया सेक्टर से जुड़ी बताकर भारतीय रक्षा विभाग के अधिकारियों से दोस्ती बढ़ाती थी।
धीरे-धीरे बातचीत बढ़ती, फिर चैटिंग का सिलसिला शुरू होता। सेजल अपने शिकार को एक खास मोबाइल ऐप ‘विस्पर’ (Whisper) डाउनलोड करने को कहती थी। दिखने में यह एक नॉर्मल चैटिंग ऐप था, लेकिन हकीकत में यह एक मैलवेयर था, जो डाउनलोड होते ही यूजर के फोन और कंप्यूटर का डेटा हैक कर लेता था।
तीन साल तक चला जासूसी मिशन
तीन सालों तक इस जासूस ने भारत के कई अहम विभागों में काम कर रहे लोगों को फंसाया। आर्मी, नेवी, एयरफोर्स, पुलिस और यहां तक कि डिफेंस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के कुछ कर्मचारियों से भी वह जुड़ चुकी थी। इस दौरान उसने कई अहम फाइल्स, डिफेंस प्रोजेक्ट्स और संवेदनशील कम्युनिकेशन डेटा चुरा लिया था।
सब कुछ इतनी सफाई से होता था कि किसी को शक तक नहीं होता। सेजल की चैटिंग इतनी प्रोफेशनल और इमोशनल होती थी कि कई अधिकारी उसकी बातों में आकर उसे अपनी पर्सनल और ऑफिस डिटेल्स तक भेज देते थे।
जब खुला ‘मिसाइल कांड’ का राज
2018 में यह पूरा मामला तब सामने आया जब ब्रह्मोस मिसाइल प्रोजेक्ट से जुड़ी कुछ गोपनीय जानकारी लीक हो गई। जांच में पाया गया कि डेटा लीक की कड़ी ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल तक पहुंचती है।
निशांत के फोन और कंप्यूटर की जांच में एक नाम बार-बार सामने आया सेजल कपूर। जांच एजेंसियों ने जब सेजल की फेसबुक आईडी और उससे जुड़ी गतिविधियों को खंगाला, तो पूरी सच्चाई सामने आ गई। यह आईडी पाकिस्तान से ऑपरेट की जा रही थी और इसके जरिए भारतीय डिफेंस से जुड़ी कई अहम जानकारियां लीक की गई थीं।
भारत में हड़कंप, एजेंसियों ने बढ़ाई सतर्कता
इस खुलासे के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया। आईबी, रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इस पूरे नेटवर्क को पकड़ने के लिए जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया। कई फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स की पहचान की गई और डिफेंस सेक्टर के कर्मचारियों को ऑनलाइन जासूसी के नए तौर-तरीकों के बारे में चेताया गया।
सबक जो भारत ने सीखा
इस पूरे कांड ने सुरक्षा एजेंसियों को सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले अफसरों के लिए सख्त दिशानिर्देश बनाने पर मजबूर कर दिया। अब डिफेंस पर्सनेल्स को फेसबुक, इंस्टाग्राम या मैसेंजर पर किसी अनजान व्यक्ति से संपर्क करने पर निगरानी रखी जाती है।
