Pakistan Pahalgam Attack News: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। इस हमले को 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक माना जा रहा है, और इसके परिणामस्वरूप देशभर में गुस्से का माहौल है। भारत पाकिस्तान पर आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसकी घेराबंदी करने की योजना बना रहा है। इसके तहत भारत विभिन्न वैश्विक वित्तीय संस्थाओं से पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक सहायता पर पुनः विचार करने की मांग करेगा, साथ ही पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ग्रे लिस्ट में डालने की अपील भी करेगा।
पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय मदद पर विचार- Pakistan Pahalgam Attack News
भारत ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर दोबारा विचार करने की मांग की है, जिसमें प्रमुख रूप से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का वित्तीय योगदान शामिल है। एक सरकारी सूत्र के मुताबिक, भारत अब IMF से पाकिस्तान को मिल रहे फंड और लोन की समीक्षा करने का आग्रह करेगा। भारत इसके साथ ही विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसी अन्य वैश्विक वित्तीय संस्थाओं से भी संपर्क में है, जो पाकिस्तान में विभिन्न परियोजनाओं को वित्तीय मदद दे रही हैं।
IMF से पाकिस्तान को मिलने वाली मदद
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है, और यह बार-बार IMF से बेलआउट पैकेज लेता आया है। पिछले साल, पाकिस्तान ने IMF से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज प्राप्त किया था। इसके अतिरिक्त, मार्च 2023 में उसे 1.3 बिलियन डॉलर का क्लाइमेट एडवांसमेंट लोन भी मिला था। पाकिस्तान के वित्तीय संकट को देखते हुए, IMF का कार्यकारी बोर्ड 9 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक करेगा, जिसमें इन फंड्स की समीक्षा की जाएगी। भारत इस बैठक में पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद की शर्तों को और सख्त करने की अपील करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मदद आतंकवाद को बढ़ावा देने में उपयोग न हो।
पाकिस्तान के खिलाफ दबाव बढ़ाने की कोशिश
भारत के अनुसार, पाकिस्तान की मदद को बंद करने से उसकी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा, जिससे वह आतंकवाद को समर्थन देना बंद करने पर मजबूर हो सकता है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के शोधकर्ता सौम्या भौमिक ने भी इस बात पर जोर दिया है कि IMF को अपनी वित्तीय मदद में आतंकवाद विरोधी उपाय और जवाबदेही के नियम शामिल करने चाहिए। उनके अनुसार, पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय मदद का पुनः मूल्यांकन किया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पाकिस्तान इन फंड्स का उपयोग आतंकवाद के समर्थन में नहीं कर रहा है।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले ही नाजुक है। जनवरी 2025 में, विश्व बैंक ने पाकिस्तान को उसकी आर्थिक चुनौतियों से उबरने के लिए 20 बिलियन डॉलर के ऋण पैकेज को मंजूरी दी थी। हालांकि, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट में है और उस पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगातार बढ़ रहा है। भारत का मानना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देकर न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है।
पाकिस्तान पर बढ़ेगा दबाव
भारत की योजना है कि वह पाकिस्तान पर हर संभव तरीके से दबाव बनाए, ताकि वह आतंकवादियों को समर्थन देना बंद कर दे। भारत की यह रणनीति पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद को कम करने के साथ-साथ उसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने पर भी केंद्रित है। अगर पाकिस्तान को मिलने वाली वित्तीय सहायता रुक जाती है, तो उसकी अर्थव्यवस्था को गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा, जिससे पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का दबाव बढ़ेगा।