Petrol Pump Fraud: ऐसे होता है पेट्रोल पंप पर फ्रॉड, जानें वो गलतियां जो आपकी जेब को लगा सकती हैं भारी नुकसान

Petrol Pump Fraud scam
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Petrol Pump Fraud:जब भी हम अपने वाहन में ईंधन भरवाने के लिए पेट्रोल पंप पर जाते हैं, तो अक्सर हम छोटी-छोटी गलतियां कर देते हैं, जिसका सीधा असर हमारी जेब पर पड़ता है। पेट्रोल पंप पर होने वाली धोखाधड़ी कर्मचारियों की चालाकी और हमारी लापरवाही के कारण होती है। आइए जानते हैं उन धोखाधड़ी के तरीकों के बारे में जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं और उनसे कैसे बचें।

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पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी का कारण- Petrol Pump Fraud

पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी का सबसे बड़ा कारण है हमारी लापरवाही और कर्मचारियों की चालाकी। अधिकतर लोग जब पेट्रोल डलवाने जाते हैं, तो वे मीटर चेक नहीं करते, रसीद नहीं मांगते, या न ही डेंसिटी और रेट की जांच करते हैं। कर्मचारियों को पता होता है कि लोग जल्दी में होते हैं और अक्सर गाड़ी से बाहर भी नहीं निकलते। इसी का फायदा उठाकर, कर्मचारी मीटर को जीरो से स्टार्ट नहीं करते, पुराने रेट पर पेट्रोल डालते हैं, या कभी-कभी कम फ्यूल देकर पूरा पैसा ले लेते हैं।

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मोबाइल में बिजी रहना हो सकता है नुकसानदायक

आजकल हम सबका एक सामान्य आदत बन चुका है कि हम पेट्रोल पंप पर फ्यूल भरवाते समय मोबाइल पर बिजी रहते हैं। यह आदत पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी का कारण बन सकती है। जब आप मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, तो ध्यान नहीं रहता कि मीटर कहां से शुरू हुआ, कर्मचारी कितना फ्यूल भर रहे हैं, या कहीं पंप को बीच में रोक कर फिर से चालू तो नहीं किया जा रहा है। कुछ पंपों पर कर्मचारी जानबूझकर नोजल को दो बार चालू कर देते हैं, लेकिन काउंटिंग में गड़बड़ी कर देते हैं। इसलिए, मोबाइल का ध्यान रखना छोड़ें और पेट्रोल डलवाने पर पूरा ध्यान केंद्रित करें।

मीटर जीरो से शुरू हुआ या नहीं? ऐसे करें चेक

जब भी आप पेट्रोल भरवाएं, सबसे पहली बात जो आपको करनी चाहिए, वह है मीटर को चेक करना। सुनिश्चित करें कि मीटर जीरो से शुरू हो रहा है या नहीं। कई बार कर्मचारी मीटर को पहले से चालू कर देते हैं, जिससे पिछले ग्राहक का हिसाब चलता रहता है और आपको कम पेट्रोल मिलता है। इसका समाधान यह है कि जैसे ही कर्मचारी नोजल उठाए, आप तुरंत कहें, “मीटर जीरो दिखाइए,” और फिर खुद चेक करें कि मीटर सही स्थिति में है या नहीं।

तेजी से चलता मीटर – एक तकनीकी धोखाधड़ी

कुछ पेट्रोल पंपों पर देखा गया है कि मीटर बहुत तेजी से चलता है। यानी, बहुत जल्दी ₹100 या ₹500 तक पहुंच जाता है, लेकिन असल में फ्यूल कम निकलता है। यह एक तकनीकी फ्रॉड हो सकता है, जिसमें डिजिटल मीटर में छेड़छाड़ की जाती है ताकि गिनती ज्यादा दिखाई दे और फ्यूल कम निकले। अगर आपको ऐसा लगे कि मीटर असामान्य रूप से तेज चल रहा है, तो तुरंत कर्मचारी को टोकें और इस मामले की शिकायत मैनेजर से करें।

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खाली टैंक में पेट्रोल भरवाने से बचें

एक आम धारणा यह है कि जब गाड़ी का टैंक बिल्कुल खाली हो जाए, तब पेट्रोल भरवाना सबसे अच्छा होता है। लेकिन यह गलत है। जब टैंक खाली हो जाता है, तो उसमें हवा और नमी जमा हो जाती है। यह दोनों चीजें इंजन के लिए हानिकारक हो सकती हैं। हवा इंजेक्टर सिस्टम में घुस जाती है और नमी फ्यूल पंप को खराब कर सकती है। इसलिए, बेहतर है कि आप टैंक को रिजर्व लेवल तक पहुंचने से पहले ही पेट्रोल भरवा लें।

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