CoWin Data Leak: कोविन से डेटा हुआ लीक, लोगों को प्राइवेट जानकारी आई सामने

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कोरोना महामारी के बचाने के लोगों को इस पूरे देश के लोगों को वैक्सिन लगाई गयी. वैक्सिनेशन के लिए हर शख्स को अपनी पहचान के तौर पर आधार कार्ड पेश किया और आधार कार्ड की जानकारी से करोड़ो लोगों को वैक्सिन लगाई गयी और इस वैक्सिनेशन की जानकारी कोविड वैक्सिनेशन को ट्रैक करने वाला प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गयी. वहीं इस बीच खबर है कोविड वैक्सिनेशन को ट्रैक करने वाला प्लेटफॉर्म कोविन की वेबसाइट का डाटा लीक हो गया है.

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कोविड वैक्सिनेशन प्लेटफॉर्म का डाटा हुआ लीक 

जानकारी के अनुसार, सोमवार को खबर आई है कि कोविड वैक्सिनेशन को ट्रैक करने वाला प्लेटफॉर्म पर जारी डेटा लीक हुआ है. भारतीय नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी, उनके आधार कार्ड और पैन कार्ड की डिटेल्स मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर उपलब्ध हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि कोविन प्लेटफॉर्म पर दर्ज की गईं निजी जानकारियां लीक हो गई हैं.रिपोर्ट के अनुसार इस बड़े डेटा उल्लंघन के चलते भारतीय नागरिकों के आधार कार्ड, वोटर आईडी और पैन कार्ड संबंधी निजी डिटेल्स टेलीग्राम पर उपलब्ध हैं. डाटा लीक की सूचना ने हलचल मचा दी है. लेकिन, इस मामले पर सरकारी सोर्स की ओर से कोई भी बयान नहीं आया है.

सोशल मीडिया पर शेयर किए गए स्क्रीनशॉट 

वहीं मिली जानकारी के अनुसार, यह डेटा सोशल मीडिया एप्लीकेशन पर आसानी से मिल जा रहा है. साकेत गोखले ने कुछ स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं जिसमें कुछ जा दी गई है. वहीं गोखले ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा- “मोदी सरकार का एक प्रमुख डेटा उल्लंघन हुआ है, जहां सभी टीकाकृत भारतीयों के मोबाइल नंबर, आधार नंबर, पासपोर्ट नंबर, वोटर आईडी, परिवार के सदस्यों के विवरण आदि सहित व्यक्तिगत विवरण लीक हो गए हैं और स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं.” उन्होंने आगे लिखा कि ये देश के लिए फिक्र की बात है.

कई बड़े लीडर्स की प्राइवेट जानकारी हुई लीक

वहीं सोसिअले मीडिया पर शेयर किए स्क्रीनशॉट में राज्य संभा एमपी डेरेक, पूर्व यूनियन मिनिस्टर पी चिदंबरम, कांग्रेस लीडर जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल की अधार कार्ड, डेट ऑफ बर्थ और वैक्सीनेशन सेंटर की जानकारी है. वहीं दूसरे स्क्रीनशॉट में गोखले ने हेल्थ सेक्रेटरी राजेश भूषण चेयरमैन राज्यसभा हरिबंश नारायण और दूसरे लोगों क फोटो शेयर की है.

पहले हुई थी आधार पैन की डिटेल्स लीक होने की बात 

इससे पहले 2021 में लोगों के आधार पैन की डिटेल्स लीक होने की बात कही गई थी. जबकि, साल 2022 में भी कोविन पर दर्ज लोगों का निजी डाटा लीक होने के दावे दावे किए गए थे. लेकिन, सरकार ने उन दावों को खारिज कर दिया था. वहीं कोविड वैक्सिनेशन को ट्रैक करने वाला प्लेटफॉर्म पर जारी डेटा लीक होने के सवाल ये पैदा होता है कि जब कोविन की वेबसाइट से डाटा लीक हो सकता है जो कि सर्कार की देखरेख में है तो ऐसे ही आधार और पैनकार्ड समेत कई और प्लेटफार्म से डाटा लीक हो सकता है.

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