Punjab Flood News: पंजाब इस समय एक बड़ी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। प्रदेश के 23 जिलों में फैली भीषण बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 3.84 लाख लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि 1902 गांव पानी में पूरी तरह डूब चुके हैं, वहीं 1.71 लाख हेक्टेयर में खड़ी फसलें तबाह हो चुकी हैं।
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पंजाब सरकार ने उठाए जरूरी कदम- Punjab Flood News
राज्य के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने बाढ़ की स्थिति को “अभूतपूर्व” बताया। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 20,972 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, लेकिन हालात अभी भी बेहद नाजुक बने हुए हैं। 1 अगस्त से 4 सितंबर के बीच 14 जिलों में मौतों की पुष्टि हुई है।
मृतकों की बात करें तो होशियारपुर में 7, पठानकोट में 6, बरनाला और अमृतसर में 5-5, लुधियाना और बठिंडा में 4-4, मनसा में 3 जबकि गुरदासपुर, एसएएस नगर में 2-2 और पटियाला, रूपनगर, संगरूर, फाजिल्का और फिरोजपुर में 1-1 लोगों की जान गई है। इसके अलावा पठानकोट में तीन लोग अभी भी लापता हैं।
कृषि को तगड़ा झटका
राज्य में बाढ़ का सबसे गहरा असर खेती पर पड़ा है। गुरदासपुर, अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, कपूरथला और मानसा जिलों में सबसे ज्यादा फसलें बर्बाद हुई हैं। खेतों में पानी भर जाने से खरीफ की फसलें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं, जिससे किसानों की मेहनत और उम्मीदें दोनों डूब गई हैं।
केजरीवाल ने की केंद्र से मदद की अपील
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के लिए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा,
“मैंने देखा कि जब अफगानिस्तान में भूकंप आया, तो भारत सरकार ने तुरंत मदद भेजी। ये अच्छी बात है, लेकिन अपने देश में भी संकट है। पंजाब इस वक्त बहुत बुरे हालात से गुजर रहा है, ऐसे में केंद्र को भी पंजाब की तरफ हाथ बढ़ाना चाहिए।”
शिवराज सिंह ने किया हालात का जायज़ा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से राज्य के साथ खड़ी है। दो केंद्रीय टीमें पंजाब का दौरा कर रही हैं जो जल्द ही नुकसान का आकलन कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।
राज्यपाल ने सौंपी रिपोर्ट
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अमृतसर एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें जान-माल और फसलों के नुकसान का पूरा ब्यौरा था।
भगवंत मान सरकार ने किए प्रशासनिक प्रबंध
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित हर गांव में एक गजटेड अधिकारी तैनात किया जाए, ताकि लोगों की समस्याएं सीधे प्रशासन तक पहुंच सकें। साथ ही उन्होंने विशेष गिरदावरी कराने का भी आदेश दिया है, ताकि नुकसान का सटीक अंदाज़ा लगाया जा सके।
भाखड़ा बांध और सतलुज नदी की स्थिति
रूपनगर के डिप्टी कमिश्नर वरजीत सिंह वालिया ने जानकारी दी कि भाखड़ा बांध से गुरुवार को करीब 85,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि फिलहाल बांध का जलस्तर स्थिर है। लोगों से अपील की गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं या प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में शरण लें।
पटियाला में अलर्ट जारी
घग्गर नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के चलते पटियाला जिला प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों के लिए अलर्ट जारी किया है।
बाढ़ का कारण और भविष्य की चुनौतियां
बता दें, बाढ़ का मुख्य कारण हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश रहा, जिससे सतलुज, रावी, व्यास और कई छोटे नाले उफान पर आ गए। इसके साथ-साथ पंजाब में भी कई जगहों पर भारी वर्षा हुई, जिससे हालात और बिगड़ गए।