Rajasthan School Building Collapses: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब सरकारी स्कूल की एक जर्जर बिल्डिंग अचानक ढह गई। इस हादसे में 4 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब स्कूल में पढ़ाई चल रही थी और बच्चे अपनी कक्षाओं में मौजूद थे। हादसे के बाद मलबे में फंसे बच्चों को बाहर निकालने के लिए त्वरित रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन इससे पहले कई बच्चों की जान जा चुकी थी।
वहीं, घायल बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जबकि मलबे से निकाले गए करीब 35 बच्चों में से 19 को हल्की चोटें आई हैं, जिनका इलाज मनोहर थाना क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में चल रहा है।
हादसा उस समय हुआ जब बच्चे कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे- Rajasthan School Building Collapses
जानकारी के मुताबिक, सभी घायल बच्चे 7वीं कक्षा के छात्र थे। हादसे के वक्त वे स्कूल के कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे। अचानक स्कूल की बिल्डिंग की छत गिरने से यह भयंकर हादसा हुआ। इस मंजर को देखकर पूरे गांव में हड़कंप मच गया। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण और पुलिस मौके पर पहुंच गए और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। चार जेसीबी मशीनों की मदद से मलबे को हटाया गया और बच्चों को बाहर निकाला गया। घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया।
जर्जर स्कूल की बिल्डिंग पर उठे सवाल
स्थानीय लोग और ग्रामीण इस बात को लेकर गुस्से में हैं कि स्कूल की यह बिल्डिंग लंबे समय से जर्जर हालत में थी, लेकिन प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार इस जर्जर स्कूल की मरम्मत की मांग की गई, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस हादसे के बाद इस मुद्दे पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्यों बच्चों को इतनी खतरनाक स्थिति में पढ़ाई के लिए भेजा गया।
राजनीतिक बयानबाजी में उलझी सरकार
घटना के बाद राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस हादसे पर प्रतिक्रिया दी और इसे कांग्रेस के गुनाहों का नतीजा बताया। उन्होंने कहा, “यह दुर्घटना कांग्रेस के पाप का नतीजा है, जिसे हमें भुगतना पड़ रहा है।” उन्होंने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच का वादा किया और बताया कि घायल बच्चों का इलाज सरकारी खर्चे पर होगा। वहीं, कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने पलटवार करते हुए कहा कि यह सरकारी स्कूल है और इसकी रिपोर्ट हर तीसरे महीने पर शिक्षा विभाग को दी जाती है, तो शिक्षा मंत्री ने क्यों रिपोर्ट नहीं देखी। उन्होंने कहा कि सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और मुख्यमंत्री को घटना स्थल पर जाकर जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री और पूर्व सीएम की प्रतिक्रिया
दूसरी तरफ, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया और घायलों के इलाज के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “स्कूल की छत गिरने से हुआ दर्दनाक हादसा अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है।”
झालावाड़ के पीपलोदी में विद्यालय की छत गिरने से हुआ दर्दनाक हादसा अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है।
घायल बच्चों के समुचित उपचार सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
ईश्वर दिवंगत दिव्य आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें तथा शोकाकुल परिजनों…
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) July 25, 2025
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट किया और कहा कि उन्होंने घटना की जानकारी ली और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की।
झालावाड़ के मनोहरथाना में एक सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से कई बच्चों एवं शिक्षकों के हताहत होने की सूचना मिल रही है। मैं ईश्वर से कम से कम जनहानि एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ देने की प्रार्थना करता हूं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 25, 2025
वसुंधरा राजे और दुष्यंत कुमार की भी चिंता
बता दें, यह इलाका वसुंधरा राजे का गृह क्षेत्र है और उनके बेटे और वर्तमान में सांसद दुष्यंत कुमार ने भी प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर हादसे की जानकारी ली है। खबरों के मुताबिक, दुष्यंत कुमार जल्द ही पिपलोदी गांव का दौरा कर सकते हैं।