RBI Imposed Bank Fine: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को देश के पांच प्रमुख बैंकों पर जुर्माना लगाया है। इस लिस्ट में आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक, आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र का नाम शामिल है। इन बैंकों पर विभिन्न नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन न करने का आरोप है, जिसके कारण RBI ने इन पर दंडात्मक कार्रवाई की है।
आईसीआईसीआई बैंक पर भारी जुर्माना- RBI Imposed Bank Fine
आरबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक पर 97.20 लाख का जुर्माना लगाया है। बैंक पर आरोप है कि उसने साइबर सुरक्षा ढांचे, केवाईसी (KYC) प्रक्रियाओं, और क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया। आरबीआई ने बताया कि इन उल्लंघनों के कारण सुरक्षा जोखिम पैदा हो सकते थे, जो ग्राहकों और बैंक दोनों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा पर ₹61.40 लाख का जुर्माना
बैंक ऑफ बड़ौदा को ₹61.40 लाख का जुर्माना भुगतना पड़ेगा। बैंक पर आरोप है कि उसने वित्तीय सेवाओं और ग्राहक सेवा काउंटर पर जारी किए गए आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं किया। आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक ने नियामकीय प्रक्रियाओं में गंभीर लापरवाही की, जिससे उसे यह जुर्माना लगाना पड़ा।
आईडीबीआई बैंक पर ₹31.80 लाख का जुर्माना
आईडीबीआई बैंक पर ₹31.80 लाख का जुर्माना लगाया गया है। बैंक पर आरोप था कि उसने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए दिए गए अल्पकालिक लोन पर ब्याज सहायता से संबंधित आरबीआई के निर्देशों का पालन ठीक से नहीं किया। इस कारण आरबीआई ने बैंक पर यह दंडात्मक कार्रवाई की है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर भी जुर्माना
बैंक ऑफ महाराष्ट्र को ₹31.80 लाख का जुर्माना लगाया गया है। बैंक पर आरोप था कि उसने केवाईसी से संबंधित आरबीआई के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया, जो एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन माना जाता है। आरबीआई ने इस उल्लंघन को गंभीर मानते हुए दंडात्मक कार्रवाई की।
एक्सिस बैंक पर ₹29.60 लाख का जुर्माना
एक्सिस बैंक पर ₹29.60 लाख का जुर्माना लगाया गया है। बैंक पर आरोप है कि उसने आंतरिक और कार्यालय खातों के संचालन में आरबीआई के निर्देशों का उल्लंघन किया। यह उल्लंघन बैंक के आंतरिक नियंत्रण की प्रक्रिया में कमी को दर्शाता है, जिसके परिणामस्वरूप इस पर जुर्माना लगाया गया है।
RBI का बयान
आरबीआई ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि इन जुर्मानाओं का उद्देश्य बैंकों द्वारा ग्राहकों के साथ किए गए लेन-देन की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है। आरबीआई ने कहा, “यह जुर्माना केवल नियमों और दिशा-निर्देशों के पालन में विफलता के आधार पर लगाया गया है।” इसका मतलब है कि यह कार्रवाई बैंकों के संचालन में आए नियामक खामियों को सुधारने के लिए की गई है, न कि ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन-देन पर सवाल उठाने के लिए।
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