Retired army officer donated property: तमिलनाडु के तिरुवन्नामलै जिले में एक रिटायर सेना अधिकारी ने अपनी बेटियों द्वारा किए गए अपमान से तंग आकर अपनी 4 करोड़ की संपत्ति एक मंदिर को दान कर दी। यह कदम एस. विजयन नामक व्यक्ति ने उठाया, जो सेना से रिटायर हैं और जिनकी बेटियों ने उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशान किया। यह घटना उनके परिवार के भीतर बढ़ते तनाव और असमर्थता का परिणाम थी। विजयन की यह कड़ी प्रतिक्रिया उनके आत्मसम्मान की रक्षा के लिए थी, जो उनकी बेटियों के तानों और दबाव के कारण चुराया जा रहा था।
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विजयन का मंदिर से पुराना नाता- Retired army officer donated property
विजयन, जो अरनी के केसवपुरम गांव के निवासी हैं, एक कट्टर भक्त माने जाते हैं। उनका मंदिर के साथ गहरा नाता है, और वह पिछले कई वर्षों से रेनुगम्बाल अम्मन मंदिर के नियमित दर्शनार्थी रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने पुष्टि की है कि विजयन पिछले 10 वर्षों से अकेले रह रहे थे। उनकी पत्नी से मतभेद थे, और उनकी बेटियां लगातार उन्हें संपत्ति सौंपने के लिए दबाव बना रही थीं। इसके अलावा, वे रोजमर्रा की जरूरतों को लेकर भी उन्हें अपमानित करती थीं, जिससे वह मानसिक रूप से बहुत आहत हो गए थे। विजयन ने कहा, “मेरे बच्चों ने मुझे मेरे खुद के खर्च के लिए भी ताना दिया। अब मैं यह संपत्ति उस देवी को सौंप रहा हूं, जिसने मुझे जीवन भर संबल दिया।”
दान पेटी में मिली संपत्ति
मंदिर प्रशासन के अनुसार, 24 जून को जब अरुलमिगु रेनुगम्बाल अम्मन मंदिर की दान पेटी खोली गई, तो उसमें न केवल सिक्कों और नोटों का ढेर मिला, बल्कि दो महत्वपूर्ण संपत्ति दस्तावेज भी पाए गए। इन दस्तावेजों में एक संपत्ति की कीमत 3 करोड़ रुपये और दूसरी की कीमत 1 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसके साथ ही विजयन द्वारा लिखा गया एक पत्र भी था, जिसमें उन्होंने स्वेच्छा से इन संपत्तियों को मंदिर को समर्पित करने की बात स्पष्ट रूप से कही।
कानूनी स्थिति और संपत्ति का हस्तांतरण
मंदिर के कार्यकारी अधिकारी एम. सिलंबरासन ने बताया कि केवल दस्तावेजों को दान पेटी में डालना कानूनी रूप से संपत्ति का हस्तांतरण नहीं माना जा सकता है। जब तक विजयन इस दान को रजिस्ट्रेशन विभाग के पास पंजीकरण नहीं कराते, मंदिर को कानूनी अधिकार नहीं मिलेगा। इस समय, दस्तावेज हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के पास सुरक्षित रखे गए हैं, और वरिष्ठ अधिकारी इस पर विचार करेंगे कि आगे कैसे कार्रवाई की जाए।
दान की गई संपत्तियां
मंदिर अधिकारियों के अनुसार, विजयन ने कुल 10 सेंट जमीन और एक एक मंजिला मकान दान में दिया है, जिसकी कुल कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये है। यह संपत्ति मंदिर के पास स्थित है, और इसका दान विजयन के गहरे आस्थावादी दृष्टिकोण को दर्शाता है।
बेटियों द्वारा संपत्ति वापस लेने का प्रयास
विजयन की बेटियां अब इस संपत्ति को वापस पाने के लिए प्रयास कर रही हैं। हालांकि, विजयन ने स्पष्ट रूप से कहा है, “मैं अपने फैसले से पीछे नहीं हटूंगा। मंदिर से बात कर मैं कानूनी प्रक्रिया पूरी करूंगा।” इस मामले ने समाज में एक गहरी चर्चा को जन्म दिया है, जिसमें परिवार और संपत्ति के बीच के रिश्तों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।