फिरोजाबाद में दलित युवक की मौत के बाद बवाल, इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं बढ़ीं, पुलिसकर्मी भी घायल

Ruckus after the death of a Dalit youth in Firozabad, incidents of vandalism increased in the area
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक दलित युवक की पुलिस द्वारा कथित तौर पर गिरफ्तार किए जाने के बाद मौत हो गई। हालांकि, उसकी मौत थाने में नहीं बल्कि जिला अस्पताल में हुई। मृतक का शव घर पहुंचते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। देखते ही देखते इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई। पुलिस ने तोड़फोड़ रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने पथराव कर दिया। इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात बिगड़ते देख आसपास के थानों से पुलिस बल बुलाया गया। मृतक की पहचान 25 वर्षीय आकाश के रूप में हुई है।

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ये है पूरा मामला

खबर के मुताबिक आकाश नाम के इस युवक पर बाइक चोरी का आरोप था. पुलिस ने इस मामले में उसे गिरफ्तार किया था। लेकिन 20 जून की रात को जेल में उसकी तबीयत खराब हो गई और 21 जून को अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मृतक आकाश के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जेल भेजने से पहले पुलिस ने उसे बुरी तरह पीटा था और बुरी हालत में जेल भेजा था, जहां उसकी हालत बिगड़ गई और अस्पताल में उसकी मौत हो गई। वहीं पुलिस का कहना है कि बीमारी की वजह से जेल में आकाश की मौत हुई है।

 

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मौत की खबर सुन भड़के लोग 

थाना दक्षिण के नगला पचिया निवासी मृतक आकाश के परिजनों और स्थानीय लोगों ने न्यायिक जांच की मांग को लेकर शुक्रवार शाम हंगामा किया। गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। गुस्साई भीड़ ने सड़क पर खड़ी बाइकों में आग लगा दी। एंबुलेंस को क्षतिग्रस्त कर दिया। हिमांयूपुर चौराहे पर हुए बवाल में सीओ और सिटी मजिस्ट्रेट समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने भागकर जान बचाई। कई पुलिस कर्मी भी घायल हुए। एसएसपी अपनी टीम के साथ पहुंचे और पथराव कर रहे लोगों को लाठियां फटकार कर खदेड़ा। मौके से चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। डीएम रमेश रंजन भी मौके पर पहुंचे। रिपोर्ट के मुताबिक भीम आर्मी के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे

पुलिस ने दी घटना की जानकारी

आजतक से बातचीत के दौरान SSP सौरभ दीक्षित ने बताया कि आकाश थाना दक्षिण का रहने वाला था। 19 जून को उनके ख़िलाफ़ चोरी की FIR दर्ज की गई थी। SSP ने आगे बताया,आकाश के पास चोरी की दोपहिया गाड़ी मिली थी। कार्रवाई करते हुए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। वहां 20 जून की रात से उनकी तबीयत खराब हो गई। जेल में ज़िला डॉक्टर्स ने उनका इलाज किया। लेकिन तबीयत में सुधार नहीं होने पर उन्हें 21 जून की सुबह ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।”

पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था, लेकिन घर जाते समय परिजनों ने थाना दक्षिण के हिमायूंपुर चौराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया।

 

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